पूर्णिया. काउंटिंग सेंटरों के बाहर हर तरफ मेले का नजारा था. पूर्णिया कालेज हो या फिर जिला स्कूल का काउंटिंग सेंटर, दोनों जगह लोग सुबह सात बजे से ही जुटने लगे थे पर काफी देर तक सन्नाटा था. यह सन्नाटा तब टूटा जब रुझान आने शुरु हो गये. यह अलग बात है कि रुझान से किसी खेमे में खुशी नजर आयी तो किसी खेमे में गम. एक तरफ पूर्णिया कॉलेज और लॉ कॉलेज के बीच वाले बगीचा में लोग जुटे थे तो दूसरी ओर जिला स्कूल से सटे मुहल्लों में दीवार के पार लोग परिणाम जानने को बेताब थे. दोनों ही जगह जिज्ञासुओं की टोलियां भीड़ की शक्ल में नजर आयीं. उसी भीड़ में अलग अलग दलों के समर्थकों का कुनबा लगा था, जितना मुंह उतनी ही बातें हो रही थीं. हार-जीत पर सब एक दूसरे से बहस भी कर रहे थे.
सुबह से करीब डेढ़-दो घंटे तक सब असमंजस में थे. मगर जब रुझान आने शुरू हुए तो हलचल शुरू हो गई और चहल पहल भी बढ़ने लगी. कौन कितनी बढ़त पर है, यह जानने के लिए हर कोई बेताब हो उठा. जैसे जैसे चक्रवार बढ़त का आंकड़ा आया कहीं खुशी गम का भाव नजर आने लगा. भाजपा की बढ़त का आकंड़ा जब तीस पार कर गया तो एक खेमा में गुलाल व अबीर उड़ाये जाने का सिलसिला शुरु हो गया. अलग-अलग गठबंधनों के कार्यकर्ता अबीर और गुलाल का पैकेट लिए बैठे थे. दोपहर बाद एक खेमा में फूल और माला का भी स्टॉक आ गया. अलबत्ता टैक्सी स्टैंड के समीप स्थित भाजपा के चुनाव कार्यालय में बड़ी संख्या में महिलाओं की जमघट लगी थी और सबकी निगाहें एलसीडी टीवी सेट पर टिकी थीं. जैसे-जैसे रुझान आता गया, कार्यकर्ताओं ने जयकारा लगाया. महिलाओं में काफी उमंग देखा गया. रिजल्ट आने पर सबके सब झूमने-नाचने लगे.रुझान सुनने को वहां थम जाती थी सांसें!
पूर्णिया. शहर के दोनों ही काउंटिंग सेंटरों के बाहर लगभग एक ही नजारा था. हर सूचना पर लोगों की सांसें थम जाती थी और कान अगली सूचना के लिए बेचैन हो जाते थे. इस दौरान वे चूं-चपड़ सुनने को तैयार नहीं थे.मतगणना केन्द्र के बाहर विभिन्न मार्गों पर बैरिकेडिंगं होने के बावजूद विभिन्न दलों के समर्थक बाहर जुट गये थे.जब किसी पार्टी की बढ़त की खबर आती थी तो चेहरे पर खुशी के भाव आते थे पर जैसे ही आंकड़ों में गिरावट कीसूचना आती थी चेहरे का रंग तुरंत उतर भी जाता था. जिला स्कूल केन्द्र पर पहले राउंड से लगातार आठवें राउंड तक एनडीए में बढ़त की खबर आती रही तो जय श्री राम के नारे लगते रहे मगर जब नौवें राउंड में महागठबंधन को बढ़त मिली उनके चेहरे उतर भी गये. चेहरे के उतार-चढ़ाव का यह नजारा कई-कई बार देखने को मिला. फाइनल सूचना आते ही एक खेमा में जहां मायुसी छा गई वहीं दूसरे खेमा में समर्थक जयघोष करने लगे.
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