बदलते मौसम का असर : सर्दी, खांसी, वायरल फीवर के बढ़े मामले
पूर्णिया. जिले में बदलते मौसम का असर एक बार फिर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है. कभी बादल तो कभी तेज धूप ने विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ा दी है. इस वजह से सर्दी, खांसी के साथ साथ वायरल फीवर और डायरिया के मामलों में इजाफा हुआ है. शुष्क वातावरण और तेज धूप से डिहाइड्रेशन की भी शिकायत मिल रही है. स्थानीय लाइन बाजार स्थित निजी चिकित्सकों सहित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में भी बड़ी संख्या में सर्दी, खांसी और वायरल फीवर के मरीज पहुंच रहे हैं. जबकि छोटे बच्चों में भी इन समस्याओं को लेकर इलाज के लिए जीएमसीएच आने वालों की बड़ी संख्या है. यही हाल जिले सहित लगभग सभी स्वास्थ्य केन्द्रों और रेफरल अस्पतालों में भी बनी हुई है.इलाज के साथ साथ सुरक्षा भी जरूरी
बच्चों पर इस मौसम का असर देखा जा सहा है. उनमें सर्दी खांसी और वायरल फीवर के अलावा कुछ मामलों में डायरिया के भी केस सामने आये हैं. चिकित्सकों का कहना है कि बदलते मौसम से इस तरह की समस्या आम है. दूसरी ओर हुई बारिश से जहां तहां जमे पानी की वजह से भी सडन गलन की समस्या बढ़ती है जिससे संक्रमण के फैलने का खतरा ज्यादा रहता है. चिकित्सकों का यह भी कहना है कि इस प्रकार का संक्रमण एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में बहुत जल्द फैलता है. इस वजह से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है जबकि डायरिया में डिहाइड्रेशन का खतरा ज्यादा रहता है. सुरक्षा के तौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बच्चों को रोकें. तपती गर्मी में तेज धूप से बचाव के साथ साथ भरपूर पानी का सेवन करना भी जरूरी है.बोले सिविल सर्जन
इस प्रकार के सीजन में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ती है. सबसे पहले कोशिश होनी चाहिए कि खान-पान, आहार-विहार सभी मामलों में सावधानी रखें. अगर समस्या आती है तो चिकित्सक से सलाह जरूर लें. सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक, दवा, ओआरएस, विशेष बेड की सुविधा उपलब्ध है साथ ही विशेष परिस्थिति के लिए एम्बुलेंस सेवा भी.डॉ प्रमोद कनौजिया, सिविल सर्जन
……………….चिकित्सीय सलाह
घरों में स्वच्छता का ख्याल रखेंसंक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें
बच्चों को इधर उधर की चीजें मत खाने देंभोजन और पेयजल को स्वच्छ रखें.
बासी और दूषित भोजन ग्रहण न करें.घर का बना ताजा और शुद्ध भोजन ही करें.
छह महीने से कम बच्चों को नियमित रूप से स्तनपान कराएं.तेज धूप में खाली पेट न निकलें, धूप से बचने का उपाय जरुर करें
…………………डायरिया हो जाने पर
मरीज का निर्जलीकरण न होने दें.ओआरएस अथवा नमक चीनी पानी का घोल बनाकर देते रहें.
जितनी जल्दी हो सके मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जायें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है