बालिकाओं को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए चलाया गया कैम्प
पूर्णिया. जिले में 09 से 14 आयुवर्ग की चिन्हित बालिकाओं को भविष्य में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न स्कूलों में कैम्प आयोजित कर 09 से 14 आयुवर्ग की चिन्हित बालिकाओं को ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) टीका का पहला डोज लगाया जा रहा है. इसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्णिया सदर क्षेत्र के मध्य विद्यालय रामबाग में आयोजित कैम्प में 09 से 14 आयुवर्ग के चिन्हित 64 बालिकाओं को टीका लगाया गया. इस दौरान डीआइओ डॉ विनय मोहन के साथ डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ अरुल मुर्गन, डॉ मृणाल शर्मा, यूनिसेफ एसएमसी मुकेश कुमार गुप्ता, यूएनडीपी वीसीसीएम रजनीश पटेल, डब्लूजेसीएफ जिला प्रतिनिधि राहुल सोनकर के साथ साथ एएनएम समता कुमारी, अनुभा कुमारी, साधना कुमारी, रूबी कुमारी, मेडिकल टीम के लिए डॉ नौशाद आलम और एएनएम नीलू जायसवाल और मध्य विद्यालय रामबाग के प्रधानाध्यापिका वंदना कुमारी और अन्य शिक्षक-शिक्षिका तथा विद्यार्थी उपस्थित थे.एचपीवी टीकाकरण के लिए 3850 वाइल्स
सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि बालिकाओं को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से सुरक्षा के लिए एचपीवी का टीका 02 डोज में पूरा किया जाएगा. सिविल सर्जन ने बताया कि टीकाकरण के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्णिया जिला को कुल 03 हजार 850 वाईल्स एचपीवी टीका उपलब्ध करायी गयी है. सम्पूर्ण एचपीवी टीकाकरण से बालिकाएँ भविष्य में ग्रीवा कैंसर ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकेंगी और सामान्य जीवनयापन का लाभ उठा सकेंगी.06 माह बाद लगाया जायेगा दूसरा डोज
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी (डीआईओ) डॉ विनय मोहन ने बताया कि पहला टीका लगाने के 06 माह बाद सभी संबंधित लाभार्थियों को एचपीवी का दूसरा डोज लगाया जाएगा. टीका लगाने से सभी लाभार्थियों को सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना खत्म हो जाएगी और लाभार्थी गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर ग्रसित होने से सुरक्षित रहेंगे. टीकाकरण के लिए उपस्थित सभी लाभार्थियों को टीका लगाने के बाद 30 मिनट चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया जिससे कि उन्हें जरूरत होने पर चिकित्सकीय सहायता प्रदान किया जा सके.क्यों जरूरी है एचपीवी का संपूर्ण टीकाकरण
डब्लूएचओ एसएमओ डॉ अरुल मुर्गन ने बताया कि एचपीवी टीका बालिकाओं को 30 वर्ष के बाद गर्भाशय के ग्रीवा कैंसर ग्रसित होने से सुरक्षित रखता है. इसके लिए छः महीने के अंतराल पर टीका का 02 डोज लगाना आवश्यक है. सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए जांच के बाद निजी अस्पताल में टीका लगाने से लोगों को पांच हजार रुपया से अधिक प्रति डोज का खर्च होता है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे सरकारी अस्पतालों के माध्यम से 09 से 14 वर्ष की बालिकाओं के लिए मुफ्त उपलब्ध कराने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है