Cabinet Meeting: 374 किलोमीटर लंबी यह परियोजना बनाओ-चलाओ-सौंप दो (बीओटी) टोल मोड पर बनाई जाएगी. इस परियोजना के माध्यम से नासिक, अहिल्यानगर और सोलापुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय शहरों को कुरनूल से जोड़ा जाएगा.
नए गलियारे को इन महामार्ग से जोड़ा जाएगा
नासिक से अक्कलकोट तक प्रस्तावित नए गलियारे को वधावन बंदरगाह इंटरचेंज के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से, नासिक में एनएच-60 (अदेगांव) के जंक्शन पर आगरा-मुंबई गलियारे से और पांगरी (नासिक के पास) में समृद्धि महामार्ग से जोड़ा जाना है. प्रस्तावित गलियारा पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक सीधा संपर्क प्रदान करेगा. चेन्नई बंदरगाह की ओर से, चेन्नई से तिरुवल्लूर, रेनिगुंटा, कडप्पा और कुरनूल होते हुए हासपुर (महाराष्ट्र सीमा) तक चार-‘लेन’ वाले गलियारे का निर्माण कार्य पहले से ही प्रगति पर है. यह 700 किलोमीटर लंबा होगा.
31 घंटे की यात्रा केवल 17 घंटे में होगी पूरी
प्रस्तावित छह लेन वाले इस नए गलियारे का उद्देश्य यात्रा दक्षता में सुधार करना है. इससे यात्रा का समय 31 घंटे से कम होकर 17 घंटे रह जाएगा. साथ ही यात्रा की दूरी 201 किलोमीटर कम होने की उम्मीद है. छह लेन का यह प्रवेश-नियंत्रित नए गलियारे पर 60 किमी/घंटे की औसत से वाहन गति चल पाएंगे जबकि इसको तैयार 100 किमी/घंटे की गति के लिए किया गया है.

