मंत्रोच्चार के साथ किया गया पूजन अनुष्ठान, मांगी गयी समृद्धि की मन्नतें
पूर्णिया. इंतजार खत्म हुआ और शहर के बाड़ीहाट में माता लक्ष्मी का दरबार सज गया. सोमवार की शाम को पूजा समिति द्वारा विधि-विधान के अनुसार मंत्रोच्चार के साथ प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा कर पूजन अनुष्ठान किया गया. इसी के साथ पांच दिवसीय पूजनोत्सव शुरू हो गया, जिसमें शाम के बाद से ही भक्तों की भीड़ जुटने लगी. पूजा-अर्चना को लेकर मंदिर प्रांगण में देर रात तक भक्तों का आना-जाना लगा रहा. इधर, पूजा के साथ मेला की नींव भी डाल दी गयी. इसकी रौनक मंगलवार से बढ़ जाएगी.गौरतलब है कि शहर के बाड़ीहाट में पिछले 77 सालों से मां लक्ष्मी की पूजा होती आ रही है. हालांकि इसकी शुरुआत अपने जमाने में बुजुर्गों ने की थी पर आज युवाओं ने खुद पूरी जिम्मेदारी ले ली है. सोमवार की शाम पूजा समिति के सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय भक्त मंदिर परिसर में जुटे जहां पुरोहित द्वारा मंत्रोच्चार के साथ पहले प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा की गयी और फिर पूजन अनुष्ठान पूरा किया गया. पूजा के बाद माता लक्ष्मी की महाआरती उतारी गयी और फिर भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. मंगलवार की सुबह आठ बजे से फिर पूजा की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और यह क्रम अगले पांच दिनों तक चलेगा.
मेला में लिट्टी-चोखा खास आकर्षण
अहम यह है कि पूरे शहर में यह अकेली जगह है, जहां लक्ष्मी पूजा का व्यापक स्वरूप देखने को मिलता है. पूजा के अवसर पर वर्षों से लगने वाला मेला खास आकर्षण का केंद्र होता है, जहां लोग जमकर खरीदारी भी करते हैं. वैसे, लक्ष्मी पूजा के पहले दिन मेला पूरी तरह नहीं लग पाया पर अगले दिन तक मेला अपने स्वरूप में आ जाएगा. इस मेला के बहाने यहां ग्रामीण संस्कृति जीवंत हो उठती है, जिसमें लिट्टी-चोखा खास आकर्षण होता है. दूर-दूर से लोग आकर पहले देवी लक्ष्मी का दर्शन करते हैं और मेला मेला में लिट्टी-चोखा का लुत्फ उठाते हैं. अध्यक्ष दीपक कुमार दीपू के अलावा उपाध्यक्ष संजय आर्य, संजय मोहन प्रभाकर एवं राकेश साह, प्रकाश अग्रवाल ई. पलटू साह एवं राजीव रंजन श्रीवास्तव आदि समेत आयोजन समिति के सलाहकार समिति, शांति समिति, स्वागत समिति के सदस्य पूरी व्यवस्था देख रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

