पूर्णिया. स्थानीय टाउन हॉल कैंपस स्थित सामुदायिक भवन में रंग मिथ और भनक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 20 दिवसीय रंगमंच कार्यशाला में प्रतिभागी कलाकार रंगमंच की बारीकियों से रू-ब-रू हो रहे हैं. इस दौरान प्रत्येक दिन उन्हें कुछ नया अनुभव हासिल हो रहा है. प्रतिभागियों में भी रंगमंच के विभिन्न आयामों को सीखने समझने की ललक देखकर उनके प्रशिक्षकों में उत्साह है. इसी क्रम में रंगमंच विशेषज्ञ और अतिथि अमित अंशु ने प्रतिभागियों को रंगमंच की तकनीक, भाव-भंगिमा, संवाद अदायगी और मंच संचालन जैसी विभिन्न विधाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एक अच्छा रंगकर्मी वही होता है जो मंच पर खुद को पूरी तरह पात्र में ढाल लेता है. उन्होंने प्रतिभागियों को अभिनय के व्यावहारिक अभ्यास भी कराए, जिससे उनकी प्रस्तुति और बेहतर हो सके. रंगशाला संयोजक और प्रशिक्षक मिथुन कुमार गुप्ता ने भी कार्यशाला के दौरान रंगमंच के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि रंगमंच व्यक्ति के आत्मविश्वास, अभिव्यक्ति और नेतृत्व क्षमता को भी निखारता है. उन्होंने नाटक की संरचना, संवाद लेखन और पात्र निर्माण पर भी संवाद किया. इस कार्यशाला में शहर के कई युवा रंगकर्मी भाग ले रहे हैं, जिनमें मानस, वासु, मोनिका, खुशी, बिंदिया, आर्यन, इशिता, नीरज, नमन आदि प्रमुख हैं. ये सभी नियमित रूप से प्रशिक्षण ले रहे हैं और प्रतिदिन अपने अभिनय कौशल में सुधार कर रहे हैं. रंगशाला प्रभारी रजनीश आर्या ने बताया कि रंगकर्मी अभिनव आनंद ने प्रतिभागियों को सीन वर्क और मंच पर प्रस्तुति से संबंधित विशेष टिप्स दिए. रजनीश आर्या ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य नए कलाकारों को प्रशिक्षित करना और उन्हें मंच तक लाना है. यह कार्यक्रम युवाओं के लिए एक बेहतरीन अवसर है, जिसमें वे रंगमंच की मूल बातें सीखकर भविष्य में एक बेहतर रंगकर्मी बन सकते हैं. कार्यशाला के आयोजकों ने बताया कि अगले दिनों में नाटक की स्क्रिप्ट पर काम किया जाएगा और सभी प्रतिभागियों को उनके किरदार सौंपे जाएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि कार्यशाला प्रस्तुति-आधारित है और इसके अंत में प्रतिभागियों द्वारा एक नाटक का मंचन किया जाएगा.
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