पूर्णिया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि इस बार उनकी पार्टी पूरे दमखम के साथ विधानसभा चुनाव लड़ेगी और बिहार में राजद के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनायेगी. पिछली बार काफी कम अंतर से सत्ता से दूर रह गये थे लेकिन इस बार इस कमी को सीमांचल का यह इलाका पूरा करेगा. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि सीमांचल में पार्टी का संगठन कैसे मजबूत हो. इसके लिए उनकी पार्टी लगातार इस इलाके में काम कर रही है. उन्होंने सीमांचल के विकास के लिए मौजूदा सरकार को जिम्मेवार ठहराया और कहा कि केंद्र के 11 साल और नीतीश सरकार के 20 साल के बाद भी इस इलाके की सूरत नहीं बदली. सूबे में सबसे ज्यादा गरीबी, पलायन और बेरोजगारी इसी इलाके में है. डबल इंजन की सरकार ने इस इलाके को आजतक कुछ नहीं दिया. मैंने घोषणा की है कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे सीमांचल डेवलपमेंट ऑथोरिटी का गठन करेंगे ताकि इस इलाके का विकास तेजी से हो सके. यादव शनिवार को इफ्तार पार्टी में शामिल होने से पूर्व सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात कर रहे थे. प्रेस कांफ्रेंस में सांसद मनोज झा, पूर्व विधायक दिलीप यादव, पूर्व विधायक बीमा भारती, अभय कुमार सिन्हा उर्फ़ बंटी, प्रवक्ता डॉ. आलोक राज, पियूष पुजारा, अंकुर यादव सहित अनेक राजद कार्यकर्ता मौजूद थे. ———————— मक्का केंद्र पर सरकार को आखिर सफाई क्यों देनी पड़ी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मक्का अनुसंधान केंद्र बेगूसराय का मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की बिहार के प्रति मंशा कभी ठीक नहीं रही. एक तो यहां कोई नया कारखाना दिया नहीं और जो कुछ बचा है, उसे भी ले जाना चाहते हैं. मेरे द्वारा आवाज उठाये जाने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मक्का केंद्र बाहर नहीं जायेगा. आखिर यह सफाई देने की नौबत क्यों आयी? इससे साफ परिलक्षित होता है कि केंद्र सरकार की मंशा ठीक नहीं है. ————- अगला चुनाव नहीं लड़ने के धमदाहा में लिये गये वचन को पूरा करें सीएम नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर भी हमला बोला. कहा- ‘सरकार खटारा, सिस्टम नकारा, सीएम थका-हारा और बिहार के लोग फिर रहे मारामारा’. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब स्वत: रिटायरमेंट ले लेना चाहिए. हम सेहत को लेकर व्यक्तिगत टीका टिप्पणी करना नहीं चाहते लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह लगातार बातें सामने आ रही है,उससे यह कहना अब लाजिमी हो गया है. वैसे भी उन्हें 20 साल हो गया है. पिछले विधानसभा चुनाव के अंतिम दिन इसी धमदाहा के चुनावी भाषण में सीएम ने कहा था कि यह उनका अंतिम भाषण है. अब वक्ता आ गया है जब मुख्यमंत्री को अपना वचन पूरा करना चाहिए. अभी जो हालत है उसमें यह पता नहीं चल रहा कि आखिर बिहार को कौन चला रहा है? प्रदेश कांग्रेस में फेरबदल पर पूछे जाने पर उन्होने कोई टिपण्णी नहीं की.
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