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बाड़ीहाट में परवान चढ़ा लक्ष्मी पूजा का उत्सव, उमड़ने लगी भक्तों की भीड़

उमड़ने लगी भक्तों की भीड़

मसालेदार चटनी के साथ लिट्टी बना है इस मेला का खास आकर्षण

लिट्टी का स्वाद चखने के लिए दूर-दराज से हर रोज पहुंच रहे हैं लोग

पूर्णिया. बाड़ीहाट में लक्ष्मी पूजा का उत्सव अब परवान चढ़ गया है. देवी के पूजन-दर्शन और मेला घूमने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है तो दूसरी तरफ मसालेदार चटनी के साथ लिट्टी इस मेला का खास आकर्षण बना हुआ है. पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालु लिट्टी व चटनी का लुत्फ उठा रहे हैं. मेला में झालदार चटनी के साथ लिट्टी खास आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मेला में दोपहर होते ही लिट्टी शॉप पर भीड़ जुट रही है. अहम यह है कि बाड़ीहाट पूजा के मेला में 79 सालों से शौकीन लोग लिट्टी का स्वाद लेने के लिए आ रहे हैं. यहां लिट्टी की भीड़ इस तरह लगी रहती है मानो मुफ्त वितरण हो रहा हो. मेला में लिट्टी खाने का स्वाद सिर्फ पूर्णिया जिले ही नहीं बल्कि सीमांचल क्षेत्र के अलावा पड़ोसी देश नेपाल तक लोग लिट्टी खाने के लिए आते हैं.

गौरतलब है कि यहां की लिट्टी प्रसिद्ध है. लिट्टी के साथ दी जा रही चटनी में गजब का स्वाद रहता है. लहसुन, अदरक, हरि मिर्च, नमक मिले चटनी के साथ यहां की लिट्टी बहुत पॉपुलर है. इतना ही नहीं लोग रात के भोजन के लिए भी लिट्टी खरीद कर घर ले जाते हैं.मेला में शाम चार बजे से लेकर रात के करीब 12 बजे तक लिट्टी की दुकान पर ग्राहकों की भीड़ रहती है. लिट्टी विक्रेता छोटू कुमार बताते हैं कि उनके दादाजी एवं पिताजी लक्ष्मी पूजा में लिट्टी दुकान लगाते थे जो अब अब हम लगा रहे हैं. पहले उनके पिताजी दस पैसे में एक लिट्टी बेचते थे. लेकिन अब मंहगाई चरम पर है. इसलिए दस रुपये में तीन पीस देते हैं.

मेला में रोजाना होती है हजारों लिट्टी की बिक्री

विक्रेता छोटू ने बताया कि लक्ष्मी पूजा मेले में लिट्टी खाने के लिए उनके दुकान पर दूर दूर के लोग आते हैं. भीड़ को देखते हुए एक दर्जन कर्मी कार्य करते हैं. इसमें कोई आटा गुथने का कार्य करते हैं तो कोई सत्तू भरने का तो कोई चटनी बनाने का कार्य करते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 78 साल से बाड़ीहाट लक्ष्मी पूजा मेला में लिट्टी बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि लिट्टी की क्वालिटी व बनाने का तरीका साफ सुथरा रहता है. मेला के पांचों दिन हजारों लिट्टी की बिक्री होती है. लिट्टी बनाने के लिए हमारा मसाला अलग होता है. सत्तू को हम अलग तरीके से भरते हैं. उसमें कई चीजें मिलाते हैं, लेकिन उसको एक अलग तरीके से तैयार किया जाता है. जिसका टेस्ट ही मजेदार होता है.

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