उद्गम पोर्टल पर जमाकर्ता या परिवार के सदस्य ढूंढ सकते हैं जमा पूंजी
पूर्णिया. अगर किसी भी ग्राहक का बैंक खाता 10 वर्षों से अधिक समय से निष्क्रिय बना हुआ है, तो संबंधित व्यक्ति अथवा उनके परिवार के लोग उस खाते में जमा राशि को प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक के उद्गम पोर्टल पर जाना होगा और कुछ प्रक्रियाओं के बाद वे उक्त जमा राशि का मालिकाना हक पा सकते हैं. वर्तमान नियमानुसार, अगर खाते में 2 वर्ष से ज्यादा समय तक लेनदेन नहीं किया जाता है तो वह बैंक खाता निष्क्रिय हो जाता है. साथ ही 10 वर्ष तक खाते में लेनदेन नहीं होने पर बैंक, जमा राशि को भारतीय रिजर्व बैंक को ट्रांसफर कर देती है और धनराशि भारतीय रिजर्व बैंक के जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता (डीईए) निधि में जमा रहती है. भारतीय रिजर्व बैंक के उद्गम पोर्टल पर जमाकर्ता या उनके परिवार के सदस्य जमा पूंजी को ढूंढ सकते हैं और संबंधित बैंक में संपर्क कर जमा राशि प्राप्त कर सकते हैं.समय-समय पर आरबीआइ ग्राहकों को करती है जागरूक
भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर बैंक ग्राहकों को इस मामले में जागरूक भी करता है. फिलहाल अक्तूबर से दिसंबर 2025 तक बैंक पंचायत स्तर पर कैंप के माध्यम से भी जागरूक कर रही है. भारतीय स्टेट बैंक से सेवानिवृत्त पूर्व वित्तीय साक्षरता सलाहकार अजय कांत झा भी जिले में आम नागरिकों को जानकारी दे रहे हैं और जागरूकता अभियान में इसपर विस्तारपूर्वक चर्चा भी कर रहे हैं. इस अभियान में भारतीय स्टेट बैंक पेंशनर्स एसोसिएशन के जिला सचिव मधुरेस कुमार सिन्हा और उनकी टीम भी सहयोग प्रदान कर रही है. श्री मधुरेस और संजय कुमार सिंह ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि अगर, आपका या आपके परिवार के किसी सदस्य का कोई खाता 10 वर्षों से अधिक समय से निष्क्रिय है, तो उसकी धनराशि आरबीआइ के जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि में हो सकती है लेकिन आप अभी भी उस पर दावा कर सकते हैं. इसके लिए https://udgam.rbi.org.in पोर्टल पर दावा न की गयी जमाराशियों को खोजें. अपने बैंक की किसी भी शाखा में जाएं केवाइसी दस्तावेज (आधार, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस आदि) प्रस्तुत करें और अपना पैसा वापस पाएं (ब्याज के साथ). उन्होंने बताया कि दावा न की गयी जमाराशियों के लिए विशेष शिविर भी आयोजित किये जा रहे हैं, जो इस दिसंबर माह तक चलाए जायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

