पूर्णिया. पौधा संरक्षण पाठशाला का आयोजन कर किसानों को समेकित कीट प्रबंधन आधारित विधाओं एवं अवयवों के उपयोग के गुर सिखाए जा रहे हैं. इस बहाने किसानों को जागरूक किया जा रहा है.प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत पंचायत स्तर पर चलायी जा रही यह पाठशाला आगामी 31 अक्टूबर तक चलेगी. जिले के सभी प्रखंडों के तीन-तीन पंचायतो में यह आयोजन किया जा रहा है. खरीफ फसलों में यह कार्यक्रम 06 सत्रों में संपन्न होना है. प्रत्येक पाठशाला में 25 कृषकों को फसलों पर जैव कीटनाशी, घटकों का प्रयोग कर पर्यावरण प्रदूषण को कम करते हुए विषरहित अन्न उत्पादन करने के तरीकों के बारे में जानकारी मुहैया कराया गया है,जो मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए अति महत्वपूर्ण है. इस दौरान फसल सुरक्षा में रासायनिक कीटनाशकों को अंतिम उपाय के रूप में प्रयोग के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई. कृषकों को फसल समस्या समाधान में आत्मनिर्भर बनानन पर जोर दिया गया. कार्यक्रम में चयनित फसल में कीट-व्याधि के प्रबंधन से फसल के उत्पादन में गुणवत्तायुक्त वृद्धि कम लागत पर बल दिया जा रहा है. पौधा संरक्षण पाठशाला में फसल प्रत्यक्षण का रकवा एक एकड़ में किये जाने का प्रावधान किया गया है. इसमें कृषकों के चयन में सभी वर्ग के कृषकों को प्राथमिकता देकर 77.04 प्रतिशत सामान्य जाति, 21.25 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 1.71 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की सहभागिता निर्धारित की गई है. कृषक प्रशिक्षुओं में महिला कृषकों को प्राथमिकता दी गई है जबकि प्रत्येक पाठशाला में एक प्रगतिशील कृषक को पाठशाला संचालक के रूप में चुना गया है.
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