जानकीनगर. बनमनखी व्यवहार न्यायालय के मुंसिफ अनुराग की अदालत ने 18 वर्ष पुराने टाइटल सूट में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची कि पुत्री को पिता की संपत्ति में बराबरी का अधिकार प्राप्त है. कोशी शरण देवोत्तर पंचायत के मालिनियां निवासी भगवती देवी ने 18 साल पहले पिता की संपत्ति में हिस्सेदारी के लिए दावा किया था. साल 2007 में पारिवारिक उपेक्षा से आहत होकर भगवती देवी ने पूर्णिया न्यायालय में मुकदमा दायर किया था. इस बीच उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद उनके पुत्र भुवनेश्वर राय और चंदेश्वरी राय ने मुकदमे को आगे बढ़ाया. मुकदमे की लंबी अवधि में दोनों पक्षों के पांच सदस्य काल के गाल में समा गए, फिर भी भुवनेश्वर राय ने अदालत पर भरोसा कायम रखा. उनका मानना था कि यह लड़ाई केवल जमीन-जायदाद की नहीं बल्कि बेटियों के सम्मान और हक की है. सुनवाई के दौरान मामला पूर्णिया से बनमनखी न्यायालय में स्थानांतरित हुआ. हाल में मुंसिफ अनुराग के पदभार ग्रहण करने के बाद मामले की त्वरित सुनवाई हुई और 28 अगस्त 2025 को ऐतिहासिक फैसला आया. आदेश सुनते ही भुवनेश्वर राय की आंखें छलक आयीं.
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