आज कयामत की रात हो सकता है भाग्य का उदय तो अस्त भी
तेज हुईं प्रत्याशियों के दिलों की धड़कनें, लगा रहे आखिरी गुहार
पूर्णिया. कौन कितने पानी में है और किसमें कितना दम है, इसका फैसला मंगलवार की सुबह होने वाला है. उनके लिए आज की रात कयामत की रात है और इसी वजह से अमूमन तमाम प्रत्याशी अपनी गोटी लाल करने की मंशा से जमकर रतजगा करेंगें. खुद तो जगेंगे ही, वोटरों को भी जगाएंगे. इस बहाने वे पिछले 15 दिनों के संघर्ष को फायनल टच देते हुए वोटरों से मौका देने की गुजारिश करेंगे.
दरअसल, यही वह रात होगी जब मतदाता भी किसी एक के लिए अपना मन-मिजाज बनाने वाले हैं. कहीं परिवार के सदस्यों के बीच बैठकर तो कहीं समाज के बीच बैठक कर वे भी अपने फैसले को अक्सर इसी रात फायनल टच दिया करते हैं. इसलिए प्रत्याशी भी यह मौका छोड़ना नहीं चाहते और इस रात को वे वोटरों का दरवाजा खटखटाना भी नहीं भूलते. इस बार वोटरों का मूड वे नहीं समझ पाए हैं. शायद यही वजह है कि दिल की धड़कनें बढ़ रही हैं और मन में विचारों के तूफान उठ रहे हैं. कौन देगा दगा और कौन रहेगा साथ ! फैसला क्या होगा ? आखिर वे विधानसभा का सफर तय कर पाएंगे या नहीं? मंगलवार को मतदान के बाद फैसला चाहे जिसके पक्ष में जाए पर सही मायने में मतदाता आज की रात ही तय करेंगे कि अपने क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का दायित्व किन्हें सौंपना है.यही कारण है कि कमोबेश सभी प्रत्याशी इस रात को कयामत की ऐसी रात मानते हैं जिसमें उनका उदय हो सकता है तो भाग्य का अस्त भी. वे इसलिए भी बेताब हैं कि पिछले कई दिनों के लगातार प्रचार-प्रसार और सघन जनसंपर्क अभियान का आखिर क्या नतीजा निकल सकता है. हालांकि यह बात अभी भविष्य के गर्भ में है कि मतदाता कहां किस प्रत्याशी को चाहते हैं किंतु इतनी बात तय मानी जा रही है कि आज की रात ही अलग-अलग क्षेत्रों में किसी विशेष के पक्ष में मतदाता गोलबंद होंगे. इसके लिए आज की रात गांव के चौपालों पर जहां बैठकों की तैयारी है वहीं शहरी इलाकों में कान फूंकने की मुहिम शुरु की जा रही है. अलबत्ता सभी प्रत्याशी आम अवाम की मन: स्थिति जानने के लिए बेचैन और बेताब हैं.
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