Bihar Election Express: बायसी से अखिलेश चन्द्रा/ सत्येन्द्र सिन्हा. प्रभात खबर इलेक्शन एक्सप्रेस की टीम ने सोमवार को बायसी विधानसभा क्षेत्र में चौपाल का आयोजन किया. चौपाल में बायसी की आम जनता ने पलायन, बेरोजगारी समेत हर साल बाढ़ की भेंट चढ़ती खेती-किसानी जैसी समस्याओं के प्रति जनप्रतिनिधियों की बेरुखी को बयां करते हुए निराशा जतायी. लोगों ने कहा कि कनकई व परमान नदी से घिरे बायसी विस क्षेत्र में हर साल मानसून में आने वाली बाढ़ सबसे बड़ी चुनौती है. इसने दशकों से स्थानीय विकास को रोक कर रखा है. चौपाल में क्षेत्र के जदयू नेता एवं पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव डॉ शहनवाज रिजवी, एआईएमआईएम नेता एवं जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि गुलाम सरवर, जनसुराज के नेता शाहनवाज आलम, विधायक सैयद रुकनुद्दीन के प्रतिनिधि अब्दुल राजिक, भाजपा के उपाध्यक्ष राजेश मेहता व पूर्व मंत्री सह राजद के वरिष्ठ नेता हाजी अब्दुस सुबहान के प्रतिनिधि राशिक रजा पहुंचे हुए थे.

प्रमुख मुद्दे
- बाढ़ व कटाव से विस्थापन का दर्द हो खत्म
- मजदूरों के पलायन पर लगे विराम
- अनुमंडल मुख्यालय में बड़े अस्पताल का हो निर्माण
- महानंदा बेसिन बनने से बड़ी आबादी को नुकसान का खतरा
- सड़क सुविधा को और बेहतर करने की जरूरत
पांच वर्षों का मांगा हिसाब
प्रभात खबर के चुनाव चौपाल में जनता ने अपने नेताओं पर सवालों की झड़ी लगा दी. इस दौरान कई तीखे सवाल पूछे गये. नेताजी से पिछले पांच सालों के विकास का हिसाब भी मांगा गया. लोकल मुद्दों के अलावा घुसपैठ और एसआइआर के तीखे सवाल भी आये. जनता के सवालों के बीच मंच पर बैठे नेता भी आपस में खूब उलझे. आम अवाम की ओर से कई जगह सड़क नहीं बनने, मजदूरों का पलायन, जर्जर सड़क, विस्थापन का दर्द समेत कई सवाल उठाये गये. मो गुलाम रब्बानी और मो गुलाम गौस ने कहा कि चुनाव दर चुनाव होते गये पर, इस पूरे इलाके ने तरक्की की तस्वीर नहीं देखी. बायसी के लोगों ने यह सवाल मुखर रूप से उठाया कि चार प्रखंडों को जोड़ कर बने बायसी अनुमंडल मुख्यालय में लंबे अर्से से एक बड़े अस्पताल की जरूरत महसूस की जा रही है. इसके लिए अब तक कोई पहल क्यों नहीं की गयी.
इलाज के लिए पूर्णिया जाने की मजबूरी
चौपाल में लोगों ने कहा कि अभी यहां अनुमंडल अस्पताल जरूर है, पर यहां पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर पूर्णिया जाना पड़ता है. यदि बाढ़ के समय इस प्रकार की स्थिति बन जाती है, काफी मुश्किल हो जाती है. चौपाल में महानंदा बेसिन से जुड़े मुद्दे भी उठाये गये और इस बात पर फोकस किया गया कि महानंदा बेसिन बनने से नदी के कछार पर बसी आबादी को बड़ा नुकसान झेलना होगा. मंच पर बैठे सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं ने जनता के हरेक सवाल पर जवाब दिया. इस दौरान कभी जनता हावी दिखी, तो कभी नेता उन्हें संतुष्ट करने में सफल रहे. हालांकि विपक्षी नेता लोगों की भावनाओं को कुरेदते रहे. सवाल-जवाब के तीर चलते रहे और प्रभात खबर की ओर से आयोजित चौपाल दिलचस्प हो गया.

