पूर्णिया. किलकारी बिहार बाल भवन द्वारा आयोजित विज्ञान की पांच दिवसीय विज्ञान कार्यशाला आयोजित की गयी. पिछले 6 मई से 11 मई तक बाल भवन में कुल 11 सरकारी विद्यालय तथा गैर सरकारी विद्यालय के कक्षा 6 से 8 के बच्चों के बीच वैज्ञानिक चेतना विकसित करने की सार्थक पहल की गयी. इसके लिए बच्चों ने जीवन को सहज बनाने की दृष्टि से अपने-अपने विज्ञान प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया. विशेषज्ञ के रूप में आए इंजीनियर सत्यम कुमार तथा किलकारी बिहार बाल भवन के विज्ञान प्रशिक्षक मो. सद्दाम ने इस कार्यशाला में शिरकत की.
कार्यशाला में बच्चों को दैनिक जीवन से संबंधित उनके चयनित आसपास के पर्यावरणीय संबंधित समस्याओं को अवगत करने हेतु प्रोजेक्ट संबंधित आधारित लॉग बुक, प्रोजेक्ट फाइल, प्रस्तावना उसके दैनिक जीवन में प्रभाव और उपयोगिता को बताने के लिए संबंधित प्रोजेक्ट तैयार कराया गया. इस पांच दिवसीय विज्ञान कार्यशाला में कुल 58 बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गयी है. इसमें लड़कियों की संख्या 32 लड़कों की संख्या 26 दर्ज की गयी. बच्चों ने कार्यशाला में प्रथम दिन से लगातार अपने प्रोजेक्ट के कार्य में संबंधित शिक्षक-शिक्षिका भी बच्चों को बच्चों के द्वारा चयनित प्रोजेक्ट बनाने में सहायता की.विज्ञान में शोध पर बच्चों ने किया फोकस
कार्यशाला के पांचवें दिन बच्चों ने अपने संबंधित प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी व प्रस्तुति की तैयारी की. आरक्षी मवि पूर्णिया के द्वारा औषधीय पौधे पर शोध की गयी. कन्या मवि के बच्चों के द्वारा आरो मशीन से निकलने वाले अशुद्ध जल का उपयोग के बारे में बताया गया, मवि उफरैल के बच्चों के द्वारा प्रकाश के परावर्तन के नियम के विश्लेषण को बताया गया, मवि बाड़ीहाट के बच्चे अपशिष्ट कचरा का उपयोग हम दैनिक जीवन में कैसे करते हैं. मवि बीम्सगंज -2 कारखाना से निकलने वाले गर्म हवा व अपशिष्ट उपयोग व पर्यावरण का बचाव कैसे किया जाए. जगदम स्मारक मवि के बच्चों ने अनाज संरक्षण के प्रोजेक्ट बनाया. बाल मवि मधुबनी के बच्चों ने रेशम कीट के जीवन चक्र और धागा बनाने की प्रक्रिया प्रोजेक्ट के माध्यम से बताए. बीम्सगंज-1 के बच्चों ने किट के आहार व आहार स्रोत के अध्ययन को लेकर प्रोजेक्ट की प्रदर्शनी की गयी.आदर्श मवि भट्टा बाजार के बच्चों द्वारा आज के दिन में बढ़ रहे पृथ्वी पर तापमान को लेकर प्रोजेक्ट दिखाया गया. आरक्षी मवि के अन्य ग्रुप के बच्चों ने ग्रामीण क्षेत्र में विज्ञान और तकनीकी का उपयोग करके पशुओं की चोरी पर रोकथाम कैसे की जाए ,उसे प्रोजेक्ट के माध्यम से बताया गया. मवि भट्टा बांग्ला के बच्चों ने आज के जमाने में बढ़ते हुए तापमान को देखते हुए हमें प्रकृति में पाए जाने वाले पुआल से एक तापमान अनुकूलित घर का निर्माण करके बताया गया कि हमें बढ़ते हुए तापमान में इस तरह के घर का उपयोग करेंगे, तो हमें गर्मी के दिनों में ठंडा और ठंडा के दिनों में अनुकूल तापमान बने रहेंगे.
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