योजना को ले नाबार्ड द्वारा जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित
पूर्णिया. कृषि स्नातकों और डिप्लोमा धारकों को स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र (एग्री क्लिनिक तथा एग्री बिजनेस सेंटर) योजना अंतर्गत नाबार्ड द्वारा सभी बैंकर्स के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गयी. यह आयोजन एसबीआई प्रशासनिक भवन सभागार में किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबन्धक नितय कुमार झा ने किया. कार्यशाला में नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक मनोज कुमार ने बैंकों को इस योजना के बारे में जागरूक किया. उन्होंने बताया कि कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना भारत सरकार की एक योजना है, जिसका उद्देश्य कृषि स्नातकों और डिप्लोमा धारकों के लिए स्व-रोजगार के अवसर पैदा करना और किसानों को विशेषज्ञ सलाह और सेवाएं प्रदान करके कृषि विकास को बढ़ावा देना है. यह योजना कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा नाबार्ड और मैनेज, हैदराबाद के सहयोग से चलाई जाती है. उन्होंने बताया कि एसीएबीसी (कृषि क्लिनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र) योजना में सब्सिडी का प्रावधान है. व्यक्तिगत परियोजनाओं के लिए, सब्सिडी के लिए परियोजना लागत की सीमा 20 लाख रुपये तक है, जो अत्यधिक सफल परियोजनाओं के मामले में 25 लाख रुपये तक बढ़ाई जा सकती है. समूह परियोजनाओं के लिए यह सीमा ₹100 लाख है. सब्सिडी के रूप में सामान्य वर्ग के लिए 36 प्रतिशत और महिला एवं एससी-एसटी वर्ग के लिए 44 प्रतिशत का प्रावधान है. उक्त कार्यशाला में जिला कृषि पदाधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक, अग्रणी बैंक प्रबंधक, आरएसईटीआई, निदेशक सहित सभी बैंक एवं जिला उद्योग केंद्र के प्रतिनिधि शामिल रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

