पूर्णिया : सोमवार से शुरू हुई मैट्रिक की पहले दिन की परीक्षा का सुखद अनुभव रहा. परीक्षार्थियों ने उम्मीद जतायी कि शुरुआत अच्छी हुई है तो अंत भी बेहतर होगा.
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परीक्षार्थियों ने कहा- शुरुआत अच्छी हुई है, अंत भी बेहतर होगा
पूर्णिया : सोमवार से शुरू हुई मैट्रिक की पहले दिन की परीक्षा का सुखद अनुभव रहा. परीक्षार्थियों ने उम्मीद जतायी कि शुरुआत अच्छी हुई है तो अंत भी बेहतर होगा. पहले दिन पहली पाली में विज्ञान की परीक्षा देकर सेंटर कैम्पस से निकल रही छात्राओं ने खुशमिजाज मूड में कहा ‘ बहुत बेहतर रही आज […]
पहले दिन पहली पाली में विज्ञान की परीक्षा देकर सेंटर कैम्पस से निकल रही छात्राओं ने खुशमिजाज मूड में कहा ‘ बहुत बेहतर रही आज की परीक्षा, सारे सवाल सहज थे, जवाब देने में कोई परेशानी नहीं हुई.’ छात्राओं ने मुस्कुराते हुए कहा कि आज का दिन अच्छा रहा, कल की कल सोचेंगे. गौरतलब है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित मैट्रिक की परीक्षा दो पालियों में हो रही है.
शहर के बिजेन्द्र पब्लिक स्कूल स्थित आदर्श परीक्षा केन्द्र पर पहली पाली की परीक्षा देकर निकलते परीक्षार्थियों के चेहरे पर खुशी झलक दिख रही थी. वे आपस में प्रश्नों के दिए गये आधार पर संभावित अंक जोड़ रहे थे. उसी में सबके सब अपना प्रसेन्टेज निकाल रहे थे. सबको इस बात पर संतोष था कि उन सबने पूछे गये सभी प्रश्नों का सही उत्तर लिखा है. इस दौरान छात्राओं से उनके अनुभव पूछे गये. यहां पेश है उनके विचार जिसमें छात्राओं ने अपने बातें कही हैं.
मैट्रिक की परीक्षा बहुत ही बढिया रही. प्रश्न पत्र बहुत ही इजी था. सिलेबस के अंदर ही सारा प्रश्न पत्र था. परीक्षा देने पहले मन में बहुत डर था. लेकिन हाथ में प्रश्न पत्र जैसे ही आया, वैसे ही डर खत्म हो गया.
— दीक्षा झा
परीक्षा की जितनी तैयारी की थी उसी के अनुसार प्रश्न भी पूछे गये जिसका सहज रूप से जवाब दिये. विज्ञान विषय की परीक्षा देकर अच्छा लगा. परीक्षा से पूर्व थोड़ा भय था लेकिन परीक्षा केंद्र में प्रवेश करते ही भय खत्म हो गया.
— खुशी कुमारी
विज्ञान विषय में अस्सी नंबर के अंक में सभी प्रश्नों का जवाब हमने लिख दिया है. अस्सी में चालीस अंक ऑब्जेक्टिव के थे जो बहुत ही आसान थे. परीक्षा की तैयारी के अनुरूप अच्छी रही. प्रश्न पत्र हार्ड नहीं था.
— कुलसुम आरा
पहली बार मैट्रिक की परीक्षा में ओएमआर सीट भरने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई. इस बार ओएमआर सीट पर हस्ताक्षर व कॉपी नम्बर ही लिखना था. परीक्षा केंद्र पर व्यवस्था बहुत ही बढियां थी.
— सबीष्ठा प्रवीण
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