अब महज 24 घंटे का और इंतजार, सवा तीन लाख शहरवासियों की टिकी हैं निगाहें
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किसके सिर बंधेगा मेयर का ताज, धुंध हो रही साफ
अब महज 24 घंटे का और इंतजार, सवा तीन लाख शहरवासियों की टिकी हैं निगाहें शुक्रवार को सूर्योदय के साथ मेयर को लेकर चल रहे खेल से उठने लगेगा पर्दा पूर्णिया : मेयर पद के चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो गया है. नगर निगम के मेयर का ताज किसके सर बंधेगा इसकी धुंधली तस्वीर […]
शुक्रवार को सूर्योदय के साथ मेयर को लेकर चल रहे खेल से उठने लगेगा पर्दा
पूर्णिया : मेयर पद के चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो गया है. नगर निगम के मेयर का ताज किसके सर बंधेगा इसकी धुंधली तस्वीर से धुंध छंटने में अब महज 24 घंटे का और इंतजार है. शुक्रवार को सूर्योदय के साथ इस खेल से पर्दा उठना शुरू होगा और सूर्यास्त के पहले तस्वीर साफ हो जायेगी. इसी के साथ 10 जुलाई से निगम के मेयर पद के लिये जारी घमासान भी खत्म हो जायेगा. इस बीच शहर में मेयर चुनाव को लेकर जारी हलचल और रणनीति पर शहर के सवा तीन लाख की आबादी के मन से बेचैनी भी खत्म होगी. बहरहाल अभी 24 घंटे बांकी है और दोनों पक्षों की दावेदारी में शहर के राजनीति में माहिर खिलाड़ी और जोड़-तोड़ के महारथी व कानूनविद अपने-अपने पक्ष की रणनीति में जुटे हुए हैं. दोनों पक्ष अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहें है.
हालांकि अविश्वास प्रस्ताव पर 24 पार्षदों के साथ जीत दर्ज कर मेयर की कुर्सी खाली करने में सफल सबीता देवी के पक्ष में 24 पार्षदों की मौजूदगी से यह तय है कि बहुमत उनके साथ है. लेकिन निवर्तमान मेयर के अब तक मैदान में डटे रहने से अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. अब इससे पर्दा 24 घंटे के बाद ही हटेगा.
सवा तीन लाख शहरवासियों में है बेचैनी. 10 जुलाई को मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लगने के बाद से शहर में मेयर को लेकर अटकलें उफान चढ़ने लगी थी. शहर का एक बड़ा तबका निगम की बदलती रणनीति पर नजरें टिकाये था. 28 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद से यह अटकलें तेज हो गयी कि अब निगम में मेयर का चेहरा बदल जायेगा. इसी के साथ शहर में विकास, स्वच्छता और अन्य सुविधाओं को लेकर शहर के सवा तीन लाख की आबादी में बेचैनी बढ़ने लगी. इसी चर्चा के बीच मेयर पद के चुनाव की तारीख मुकर्रर हुई . इसके बाद एक बार फिर से जोड़ तोड़ की रणनीति ने जोर पकड़ लिया. निगम के मेयर पद पर जीत दर्ज करने वाला चेहरा कौन होगा यह तो वक्त के गर्भ में है लेकिन शहरी विकास को लेकर शहर की बड़ी आबादी के अंदर एक बेचैनी जरूर देखी जा रही है .
निवर्तमान मेयर लड़ेंगी चुनाव या होगा कोई नया चेहरा! शहर में एक चर्चा यह भी है कि क्या निवर्तमान मेयर 10 अगस्त को मेयर के लिये नामांकन करेगी या फिर कोई और नया चेहरा होगा. इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है लेकिन यह तय है कि निवर्तमान मेयर अभी भी मैदान में डटी हुई हैं और उनके समर्थकों का आकलन और रणनीति इस बार कितना सच साबित होता है यह वक्त बतायेगा
कानूनी सलाहकारों से ली जा रही है सलाह. 10 अगस्त के दिन शहर में एक नयी राजनीति का उदय करेगा .मेयर के कुर्सी को लेकर पूर्णिया से पटना हाईकोर्ट तक हुए हंगामा और आरोप प्रत्यारोप के सिलसिले के बीच दोनों पक्ष कानूनविद और निगम के बायलॉज के जानकारों से नियमावली की जानकारी लेकर अपनी रणनीति को अंतिम टच दे चुके हैं. हालांकि जोड़ तोड़ की रणनीति में अभी भी अंदर ही अंदर हलचल जारी है जो शायद अंतिम समय तक जारी रहेगी . इस बीच जीत और हार चाहे जिसकी हो लेकिन यह तय है कि पूर्णिया में नगर निगम के इतिहास में यह चुनाव एक नया अध्याय लिखेगा.
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