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मायके में रह रही पत्नी ने ससुराल वापसी के लिए पति के सामने रखी ऐसी शर्त, उसके बाद…

पूर्णिया: एक पत्नी ने मायके से ससुराल जाने के लिए पति के समक्ष एेसी शर्त रख दी है जिसे न उगलते बन रहा है और न ही निगलते. पत्नी की शर्त है कि जब तक सास जिंदा रहेगी तब तक वह ससुराल में कदम नहीं रखेगी. पहले अपनी मां की हत्या कर के आओ फिर […]

पूर्णिया: एक पत्नी ने मायके से ससुराल जाने के लिए पति के समक्ष एेसी शर्त रख दी है जिसे न उगलते बन रहा है और न ही निगलते. पत्नी की शर्त है कि जब तक सास जिंदा रहेगी तब तक वह ससुराल में कदम नहीं रखेगी. पहले अपनी मां की हत्या कर के आओ फिर ससुराल साथ ले चलो. पत्नी की यह हठधर्मिता देख पति हैरान और परेशान है. जब कोई उपाय नहीं सूझा तो उसने पत्नी की यह शर्त अपनी मां से शेयर किया. मां ने भी जब सुना तो हतप्रभ रह गयी और मामले को सुलझाने के लिए पुलिस परामर्श केंद्र पहुंच गयी.

पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने जब सास का अजीबोगरीब बयान सुना तो सभी सकते में आ गये. बिहार के पूर्णिया में अमौर थाने के खमेला झौवाड़ी बस्ती की रहने वाली शांति देवी ने पूरी रामकहानी परामर्श केंद्र के सदस्यों को सुनाई. उसकी शिकायत है कि उसकी बहू घर की शांति को भंग करती है. उसके पुत्र को उनके खिलाफ भड़काती है. इतना ही नहीं बिना किसी को बताये वह चुपचाप भाग कर मायके भी चली जाती है.

शांति देवी ने केंद्र से अपनी बहू की विदागरी करवाने की गुहार लगायी है. इधर, पति ने अपनी पत्नी की शर्त सुनाने के साथ कहा कि आखिर कोई बेटा अपनी मां को कैसे मार सकता है. परामर्श केंद्र ने तीनों पक्षों की बात सुनने के बाद बारी-बारी से समझाया. यह तय हुआ कि सास और बहू एक दूसरे के साथ अच्छा बरताव रखेगी. बहू भी सास को मां के समान सम्मान देगी. इस बात पर बिगड़ी बात बन गयी और बहू ससुराल जाने के लिए राजी हो गयी. मामले को सुलझाने में पुलिस परिवार परामर्श केंद्र की संयोजिका माधुरी कुमारी, सदस्य दिलीप कुमार दीपक, स्वाति बैसंत्री, कृष्ण कुमार सिंह, जीनत अमान एवं रविंद्र कुमार, नारायण गुप्ता अहम भूमिका निभायी.

पति दहेज नहीं मांगेगा, पत्नी नहीं खायेगी गुटखा
एक दंपत्ति के बीच विवाद चला आ रहा था. विवाद का कारण था कि पत्नी अपने पति से इस बात के लिए नाराज थी कि वह यदा-कदा दहेज में बाइक की मांग करता है, जबकि पति अंदर ही अंदर इस बात को लेकर दुखी था कि उसकी पत्नी घर में गुटखा खाती है. यह विवाद दोनों के दाम्पत्य जीवन में जहर घोलने लगा. मामला अंतत: पुलिस परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद यह तय हुआ कि न पति बाइक मांगेगा और न ही पत्नी आज के बाद से गुटखा खायेगी. यह मामला केनगर प्रखंड के काझा बस्ती का था.

नौकरीपेशा पत्नी से पति नाराज
मुफस्सिल थानान्तर्गत बेलौरी के अनिल चौधरी की शिकायत है कि उसकी पत्नी विगत चार महीने से ससुराल छोड़ कर मायके चली गयी है. बार-बार बुलाये जाने के बावजूद वह आना नहीं चाहती है. इसको लेकर पंचायत भी किया गया परंतु कोई असर नहीं पड़ा. बाद में इस मामले को पति ने पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में रखा. केंद्र के सदस्यों ने जब दोनों पक्षों की बातें सुनी तो इस बात का खुलासा हुआ कि पत्नी जान-बूझ कर नहीं बल्कि नौकरी की वजह से मायके गयी थी. पत्नी का कहना था कि वह शिक्षिका है. उसे नौकरी छोड़ने के लिए विवश किया जाता है. चूंकि अभी स्कूल में परीक्षा चल रही है इसलिए वह 15 जून के बाद ही अपने ससुराल जा पायेगी. केंद्र ने फरमान जारी किया कि पति नौकरी छोड़ने के लिए अपनी पत्नी को विवश नहीं करेगा. इस बात पर दोनों पक्ष सहमत हो गये.

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