36.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

बिहार में जीविका से जुड़ी 40 वर्ष तक की महिलाएं अब बनेंगी विद्या दीदी, खोले जाएंगे करियर विकास केंद्र

विद्या दीदी के चयन के लिए उनका प्रखंड के किसी ग्राम पंचायत का निवासी होना अनिवार्य है. वह जीविका समूह की सदस्य या समूह से जुड़ी सदस्य के परिवार से हो सकती हैं.

पटना. बिहार के सौ प्रखंडों में खुलने वाले सामुदायिक पुस्तकालयों में 12 वीं पास 40 वर्ष तक की उम्र वाली जीविका से जुड़ी महिलाएं विद्या दीदी बन पायेंगी. सरकार की ओर से उन्हें छह हजार रुपये मासिक मानदेय भी दिया जायेगा. गुरुवार को विधानसभा में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सूबे के 32 जिलों के 100 प्रखंडों में ऐसे सामुदायिक पुस्तकालय सह कैरियर विकास केंद्र खोले जायेंगे. इसका संचालन विद्या दीदी (लाइब्रेरियन दीदी) करेंगी. ग्रामीण विकास विभाग के बजट की मांग पर सरकार का जवाब देते हुए उन्होंने इसकी जानकारी दी. सदन ने विपक्ष के वाक आउट के बीच ध्वनिमत से 2023-24 के लिए 15452.18 करोड़ रुपये का बजट पारित कर दिया.

विद्या दीदी बनने की योग्यता 

मंत्री ने कहा कि विद्या दीदी के चयन के लिए उनका प्रखंड के किसी ग्राम पंचायत का निवासी होना अनिवार्य है. वह जीविका समूह की सदस्य या समूह से जुड़ी सदस्य के परिवार से हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि इस विकास केंद्र की स्थापना का उद्देश्य विभिन्न शैक्षणिक, उद्यमिता एवं कैरियर उत्थान सेवाएं तथा कार्यक्रमों को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाना है. यह विद्यालय छोड़ चुकी छात्राओं को पुन: स्कूलों से जोड़ने को लेकर प्रोत्साहित करने के साथ ही नवोदय, सिमुलतला, सैनिक व कस्तूरबा विद्यालयों में आवेदन करने एवं प्रवेश परीक्षा की तैयारी में उनकी मदद करेंगी. यह छात्रवृत्ति, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, बैंक एवं स्वयं सहायता समूह से शिक्षा ऋण प्राप्त करने में भी सहायता देंगी.

13 लाख आवास प्रतीक्षा सूची में, नहीं मिली मंजूरी

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2024 तक सभी गरीबों को आवास देने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 13 लाख आवास प्रतीक्षा सूची में हैं, जिनको केंद्र से मंजूरी नहीं मिल रही. 2018-19 से एक भी आवास का लक्ष्य नहीं मिला. सदन के माध्यम से भारत सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहते हैं. उन्होंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरीराज सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि उनके बड़े-बड़े राजनीतिक बयान छपते हैं, लेकिन गरीबों की चिंता नहीं है.

केंद्र से नहीं मिला 136 दिनों तक मनरेगा की मजदूरी का पैसा

केंद्र से 136 दिनों तक मनरेगा की मजदूरी का पैसा नहीं मिला. इतने दिन तक पैसा नहीं मिलेगा तो गरीबों का जीवन कैसे चलेगा? उन्होंने मनरेगा मजदूरों को मिलने वाली 210 रुपये की मजदूरी को भी बहुत कम बताते हुए कहा कि इसे बढ़ा कर कम- से -कम 350 रुपये किया जाना चाहिए. केंद्र सरकार पर लगाये गये आरोपों को लेकर तमाम विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार केंद्र पर आरोप लगा रही है, जबकि उपयोगिता प्रमाण पत्र तक उपलब्ध नहीं करा पाती है. बजट में कटौती की मांग पर रामप्रीत पासवान, रामविलास कामत, राणा रंधीर सिंह, रामबली सिंह यादव, मुकेश कुमार रौशन व प्रहलाद पटेल समेत अन्य ने अपनी बातें रखीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें