परिचय से करेंगे वीडियो की शुरुआत, जब्ती सूची की कॉपी देने की प्रक्रिया भी होगी रिकॉर्ड – तलाशी या जब्ती के समय हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करेंगे आइओ, मानक तय – एक जुलाई 2024 से लागू नये कानून के तहत पुलिस जांच पदाधिकारियों को दिये गये निर्देश संवाददाता, पटना किसी परिसर की तलाशी या जब्ती की कार्रवाई के दौरान पुलिसकर्मियों को हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करना अनिवार्य होगा. जांच करने वाले पुलिसकर्मी के परिचय से वीडियो की शुरुआत करते हुए जब्ती सूची की काॅपी परिसर मालिक को देकर जब्त सामग्री ले जाने तक की पूरी प्रक्रिया ऑडियो-वीडियो माध्यम से रिकॉर्ड की जायेगी. इस साक्ष्य को एसडी कार्ड में संग्रहित कर सीलबंद लिफाफे में न्यायालय के समक्ष पेश किया जायेगा. देश में एक जुलाई, 2024 से लागू हुए तीन नये कानूनों में से एक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 105 के तहत इसका प्रावधान किया गया है. निर्धारित गाइडलाइन का अनुपालन किये जाने को लेकर पुलिस मुख्यालय के स्तर पर पुलिस जांच कर्ताओं को पर्याप्त निर्देश दिये गये हैं. मनमानी पर लगेगी रोक, पारदर्शिता व निष्पक्षता होगी सुनिश्चित अधिकारियों के मुताबिक तलाशी व जब्ती प्रक्रिया की वीडियोग्राफी किए जाने से पुलिसकर्मियों पर मनमानी करने के आरोपों पर रोक लगेगी ही, प्रक्रिया में पारदर्शिता व निष्पक्षता भी सुनिश्चित होगी. निर्देश के अनुसार पुलिस को तलाशी और जब्ती के लिए किसी परिसर में प्रवेश करने से पहले ही वीडियोग्राफी शुरू करनी होगी. तलाशी शुरू होने से पहले परिसर के चारों ओर के दृश्य, आसपास की इमारतें और लैंडमार्क रिकॉर्ड किये जायेंगे. परिसर के अंदर पहुंचने के बाद जांच अधिकारी को वीडियो में अपना परिचय देना होगा. यदि कार्रवाई कोर्ट के वारंट पर आधारित है, तो उस वारंट को भी वीडियोग्राफी में दिखाना और उसका ब्योरा रिकॉर्ड करना अनिवार्य होगा. साक्षियों से प्रमाणित कराया जायेगा वीडियो गाइडलाइन के मुताबिक जो भी सामान जब्त किया जायेगा, उसकी पूरी जानकारी रिकॉर्ड होगी. परिसर के मालिक को जब्ती सूची की एक प्रति देने की प्रक्रिया भी वीडियोग्राफी में शामिल होगी. कार्यवाही खत्म होने के बाद पुलिस अधिकारी वीडियोग्राफी में इसकी घोषणा करेंगे. बहुमंजिला इमारत की तलाशी के दौरान सभी मंजिलों का वीडियो बनाया जायेगा. वीडियो को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए जाने से पहले लैपटॉप, पेन ड्राइव या सीडी में स्टोर कर साक्षियों के समक्ष प्रमाणित किया जायेगा. तकनीकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जांच अधिकारियों को सलाह दी गयी है कि वे यदि मोबाइल फोन के माध्यम से रिकॉर्डिंग कर रहे हैं, तो उसका विवरण भी वीडियो में शामिल करें. सभी रिकॉर्डिंग को साक्षियों के सामने सत्यापित किया जायेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है.
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