पटना.
साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें एक निजी कंपनी के बैंक खाते में अचानक तीन करोड़ रुपये का संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुआ और फिर कुछ ही समय में यह रकम कई अन्य खातों में ट्रांसफर कर दी गयी. मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने कंपनी के निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. निदेशक एक सरकारी कर्मी है. सरकारी कर्मी के कारण मामला और संवेदनशील हो गया है. पटना साइबर थाने की पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस बैंक ट्रांजैक्शन, आइपी लॉग, लॉग-इन डिवाइस और ट्रांसफर किए गए खातों की बारीकी से जांच कर रही है. पुलिस को सिर्फ आइडी-पासवर्ड चोरी की कहानी पर पूरी तरह भरोसा नहीं है. कंपनी के निदेशकों की भूमिका, पैसे के त्वरित ट्रांसफर का पैटर्न और जिन खातों में रकम भेजी गयी, उन सभी को शक के दायरे में रखा गया है.उत्तराखंड पुलिस ने पैसे के स्त्रोत की जानकारी मांगी
संबंधित सरकारी कर्मी ने अपनी पत्नी और एक करीबी दोस्त को निदेशक बनाकर सिविल वर्क से जुड़ी एक निजी कंपनी का गठन किया था. कंपनी को बने अभी महज चार माह ही हुए हैं. इतने कम समय में कंपनी के खाते में तीन करोड़ रुपये का आना और फिर उसका अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हो जाना संदेहास्पद है. यह रकम किसी साइबर ठगी से जुड़ी हुई है, जिसकी जांच उत्तराखंड पुलिस कर रही है. जांच के दौरान जब ट्रांजेक्शन की कड़ी कंपनी के खाते तक पहुंची, तो उत्तराखंड पुलिस ने निदेशक को नोटिस देकर पैसों के स्रोत व ट्रांसफर की जानकारी मांगी. नोटिस मिलने के बाद मामले की जानकारी हुई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

