संवाददाता, पटना दानापुर मंडल में रेल पटरियों में दरारें, फ्रैक्चर और आंतरिक कमजोरियों का पता लगाने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी की अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन (यूएसएफडी) मशीन से ट्रैक की जांच शुरू कर दी गयी है. इस तकनीक से छोटी-मोटी खामियों का भी पता लगा जा सकेगा, जिन्हें हम आसानी से नहीं देख सकते. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह अत्याधुनिक बी-स्कैन मशीन न केवल उन्नत परीक्षण करती है, बल्कि रिकॉर्डिंग, शोध और डेटा विश्लेषण में भी सहायक है. इस मशीन के माध्यम से ध्वनि तरंगों का उपयोग करके पटरियों की आंतरिक संरचना और उनके जोड़ों की जांच की जाती है. जांच के दौरान त्रुटि पाये जाने पर तुरंत उसे ठीक कर दिया जाता है. दानापुर मंडल के 13 स्थानों पर ठीक जांच कर ठीक किया गया : दानापुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम अभिनव सिद्धार्थ ने बताया कि रेलवे परिचालन में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दानापुर रेल मंडल पटरियों और वेल्डेड जोड़ों की जांच के लिए अत्याधुनिक अल्ट्रासोनिक फ्लो डिटेक्शन (यूएसएफडी) प्रणाली का उपयोग कर रहा है. इस तकनीक से ट्रैक के अंदर लगे जंग को पकड़ कर ठीक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंडल में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 13 स्थानों पर जांच कर ट्रैक में खराबी को ठीक किया गया है. इनमें किऊल-बख्तियारपुर रेलखंड में तीन, पटना-आरा रेलखंड में दो, रामपुर डुमरा-बरौनी रेलखंड में आठ सहित कुल 13 स्थानों पर पटरियों में जांच के दौरान खराबी पाये जाने पर तुरंत उनको बदल दिया गया. इसके साथ ही जसीडीह-किऊल रेलखंड के बीच तीन स्थानों पर रेल जोड़ को तुरंत बदल दिया गया. अभिनव सिद्धार्थ ने कहा कि दानापुर रेल मंडल सदैव अपने यात्रियों की सुविधा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है