पटना. बिहार में प्रति वर्ष फरवरी से सितंबर तक लगभग 390 से अधिक पंचायतों में भूजल अस्थिर रहता है. इन अस्थिरता को दुरुस्त करने के लिये राज्य भर में पानी की उपलब्धता की खोज अगले माह से की जायेगी. इसमें उन जगहों को चिह्नित किया जायेगा. जहां पर हर साल भूजल गिरता है. वहीं, उन सभी जगहों को चिह्नित किया जायेगा. जहां पर जलस्रोत पर अतिक्रमण कर लिया गया है.
जिलों में अधिकारियों को मिलेगी जिम्मेदारी: पानी की उपलब्धता खोजने के लिये जिलों में अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जायेगी. इसमें उन सभी इलाकों में काम किया जायेगा. जहां पिछले पांच वर्षों से हर साल भूजल में गिरावट हो रही है. इन इलाकों के भूजल में होने वाले सभी बिंदुओं पर विस्तार से रिपोर्ट तैयार किया जायेगा, ताकि कारणों पर बिंदुवार काम हो सकें. साथ ही, गलत तरीके से पानी निकालकर बेचने वालों पर सख्ती करने के लिये विभाग संबंधित विभागों को भी रिपोर्ट भेजेगी. अभियान के दौरान खराब गुणवता वाले जल स्रोतों की पहचान होती है, तो उन सभी जल स्रोतों को लाल कलर से लाइनिंग किया जायेगा
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