संवाददाता, पटना : डाक विभाग के नये सॉफ्टवेयर सिस्टम आइटी 2.0 की शुरुआत ने बिहार में डाक सेवाओं को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर दिया है. लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी राज्य के 9344 डाकघरों में लेन-देन नहीं हो सका. इसके कारण करोड़ों रुपये का लेन-देन नहीं हुआ. इससे बचत खाताधारकों, एजेंटों और पार्सल-रजिस्ट्री सेवाओं पर सीधा असर पड़ा. खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में महिला एजेंटों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी, जिनका रोजाना का आय-व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया. नये सॉफ्टवेयर के लागू होने के पहले ही दिन पटना सहित पूरे बिहार के अधिकतर डाकघरों में जमा-निकासी, मनीऑर्डर, पासबुक अपडेट और अन्य वित्तीय सेवाएं धीमी या पूरी तरह बंद रहीं. सुबह से ही डाकघरों के बाहर इंतजार करने के कारण कई ग्राहक घंटों इंतजार के बाद बिना काम कराये लौटने को मजबूर हुए. एजेंट और ग्राहकों का कहना है कि बिना पूर्व सूचना के सॉफ्टवेयर बदलाव कर दिया गया, जिससे लेन-देन ठप हो गया. एक महिला एजेंट ने बताया कि रोजाना की किस्तें और लेन-देन न हो पाने से ग्राहकों में नाराजगी बढ़ रही है और एजेंटों की साख पर भी असर पड़ रहा है. डाक विभाग के कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि नया सिस्टम अभी पूरी तरह स्थिर नहीं है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक सॉफ्टवेयर अपग्रेड का उद्देश्य सेवाओं को तेज और आधुनिक बनाना है, लेकिन शुरुआती दिनों में सर्वर लोड और सिंक्रोनाइजेशन की समस्याएं सामने आ रही हैं. एजेंट और ग्राहकों ने मांग की है कि समस्या के समाधान तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाये.
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