पटना.
बिहार सरस मेले के प्रति लोगों के भारी आकर्षण और उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी अवधि एक सप्ताह के लिए बढ़ा दी गयी है. अब यह मेला 28 दिसंबर के बजाय 4 जनवरी 2026 तक चलेगा. हालांकि 1 जनवरी को मेला स्थगित रहेगा. ग्रामीण विकास विभाग और जीविका की ओर से आयोजित इस मेले में प्रतिदिन एक लाख से अधिक लोग पहुंच रहे हैं. पिछले 15 दिनों में खरीद-बिक्री का आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ते हुए 21 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जिसमें अकेले 15वें दिन 1.41 करोड़ रुपये की बिक्री हुई. अब तक 12 लाख से अधिक लोग मेले का आनंद ले चुके हैं. मेले में ग्रामीण महिला उद्यमियों का जलवा बरकरार है. पटना के धनरुआ की जीविका दीदी रूना देवी की दीदी की पौधशाला स्टॉल पर आयुर्वेदिक पौधों की भारी मांग है. उन्होंने 15 दिनों में ही डेढ़ लाख रुपये से अधिक के इंसुलिन, एलोवेरा, लाल चंदन और लेमन ग्रास जैसे पौधे बेचे हैं.कतरनी चावल की खूब हो रही बिक्री :
इसी तरह, स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल्स पर भागलपुर के कतरनी चावल, मसालेदार गुड़, लाह की चूड़ियां, मधुबनी पेंटिंग और सहारनपुर के लकड़ी के फर्नीचर की खूब बिक्री हो रही है. लोग दीदी की रसोई में देशी व्यंजनों का स्वाद चख रहे हैं.वित्तीय साक्षरता पर भी कार्यक्रम आयोजित :
सांस्कृतिक मंच पर भी शनिवार को जीविका कर्मियों और उनके बच्चों ने फूल तुम्हें भेजा है खत में जैसे गीतों और नृत्यों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

