संवाददाता,पटना विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सलवा जुडूम अभियान पर दिये निर्णय पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गयी टिप्पणी को लेकर राजनीति गरमा गयी है. रिटायर्ड जजों द्वारा गृह मंत्री की टिप्पणी पर सवाल उठाये जाने को भाजपा ने गंभीरता से लिया है.पार्टी की ओर से मोर्चा संभालते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा उपराष्ट्रपति जैसे पद पर पहुंचने वाले व्यक्ति की सोच, समझ और नीतियों पर जनता को जानने का पूरा अधिकार है. वर्ष 2011 में जस्टिस रेड्डी के फैसले ने सलवा जुडूम अभियान को गैरकानूनी ठहराया, जिससे माओवादी गतिविधियों पर नियंत्रण पाना मुश्किल हुआ था.श्री प्रसाद ने सोमवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा इस फैसले की आलोचना पूरी तरह उचित है क्योंकि इस निर्णय से माओवादी और नक्सली हिंसा से निबटने की रणनीति को गहरा धक्का लगा.सलवा जुडूम अभियान पर फैसला जस्टिस रेड्डी की सोच और माओवाद के प्रति झुकाव का प्रमाण है. यह न्यायिक चिंता नहीं, बल्कि पक्षपातपूर्ण रवैया : पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रसाद ने रिटायर्ड जजों के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें उन्होंने अमित शाह की टिप्पणियों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था.उन्होंने कहा कि यह न्यायिक चिंता नहीं, बल्कि पक्षपातपूर्ण रवैया है.जब कोई पूर्व न्यायाधीश राजनीति में प्रवेश कर उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनता है,तो उनकी नीतियां सार्वजनिक जांच और आलोचना से बाहर नहीं रह सकतीं.
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