संवाददाता, पटना : गुरुवार की दोपहर 2:30 से 3:30 बजे के बीच एक घंटे की तेज बेमौसम बारिश से पूरा शहर किचकिच हो गया. इसके कारण निचले हिस्सों में कई जगह आधा फुट तक पानी जम गया, जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी हुई. सबसे अधिक परेशानी ऐसे स्थलों पर हुई, जहां बीते दिनों नमामि गंगे के अंतर्गत दीघा-कंकड़बाग सीवरेज नेटवर्क के पाइप बिछाने के लिए या स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज के निर्माण के लिए सड़क को खोदा गया था. इन जगहों पर काम पूरा होने के बाद सड़क के गड्ढ़े को बालू और मिट्टी से कामचलाऊ ढंग से भर दिया गया है. ठीक से भरकर और उस पर रोलर चला कर उसकी पीचिंग नहीं की गयी है. ऐसी जगहों पर पानी पड़ते ही मिट्टी और बालू नीचे बैठने लगा और बने गड्ढ़े में पानी भर गया. इससे न केवल आने-जाने में परेशानी हो रही थी और लोगों को पानी के भीतर से होकर गुजरना पड़ रहा था, बल्कि गीली चिकनी मिट्टी के अगल-बगल फैल जाने के कारण आसपास की पक्की सड़क भी कीचड़ से भर गयी थी. इससे लोगों को भी कीचड़ से होकर गुजरना पड़ रहा था और फिसलन का सामना करना पड़ रहा था. राजीव नगर नाला, बाबा चौक, एजी कॉलोनी, राजवंशी नगर मोड़, बोर्ड कॉलोनी, राजीव नगर रोड नंबर 23, 24 और मेन रोड में कई जगह ऐसी समस्या देखने को मिली. गांधी मैदान और उसके आसपास भी ऐसे स्थलों पर अधिक किचकिच और परेशानी दिखी, जहां निर्माण कार्य चल रहा है. न्यू बाइपास के सर्विस लेन और जगनपुरा, रामकृष्णा नगर, नंदलाल छपरा जैसे निचले इलाके में भी कई जगह जलजमाव हो गया, जिससे वहां से होकर आने जाने में लोगों को परेशानी हुई. बाइपास के चारों अंडरपास में भी हल्का पानी लग गया और कीचड़ के कारण उससे होकर आने जाने वाले वाहन चालकों को परेशानी हुई.
कैचपिट और मैनहोल के चैंबर ढके होने से हुई अधिक परेशानी
कैचपिट और मैनहोल के चैंबर ढके होने से भी अधिक परेशानी हुई और सड़क पर अधिक जलजमाव दिखा. चूंकि इस मौसम में बारिश की उम्मीद नगर निगम के कर्मी नहीं कर रहे थे, लिहाजा उन्होंने मैनहोल के चैंबर के ढक्कन को हल्का खोलने या कैचपिट को जगाने का काम पहले से नहीं किया था. हालांकि, बारिश के बाद पटना नगर निगम की क्विक रिस्पांस टीम सक्रिय हुई और नगर निगम कर्मी कई जगह मैनहोल का चैंबर उठाते और कैचपिट को जगाते दिखे, ताकि उनसे होकर आसपास का पानी निकल जाये. पानी खींचने के लिए लगाये गये पंप का स्थान बदलते भी कई जगह नगर निगम के कर्मी दिखे.
गड्ढ़ों में भर गया पानी
सीवरेज पाइप बिछाने या स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज के निर्माण के खोदे गये गढ्डों में बारिश के बाद आसपास का पानी बह कर भी आ गया, जिससे इनमें पानी का लेवल पहले से अधिक ऊंचा हो गया और कुछ छोटे गड्ढ़े तो पूरी तरह भर गये.
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