Tej Pratap Yadav: जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, टिकट की दावेदारी को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ती जा रही है. हर पार्टी में कार्यकर्ता और नेता टिकट पाने की दौड़ में लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजद में भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता टिकट की मांग कर रहे हैं और कई ने तो पार्टी से नाराजगी दिखाना भी शुरू कर दिया है. ऐसे लोग मान चुके हैं कि बड़े नेताओं की मौजूदगी में उन्हें टिकट मिलने की संभावना कम है. इसी कारण अब कई कार्यकर्ता तेज प्रताप यादव के सहारे राजनीति में सक्रिय होकर टिकट की जुगत में लगे हैं.
तेज प्रताप यादव ने दरभंगा में किया था रोड शो
हाल के दिनों में तेज प्रताप यादव ने दरभंगा जिले के हायाघाट और कुशेश्वरस्थान जैसे क्षेत्रों में अपने समर्थकों के साथ रोड शो किया है. उज्जैना में आयोजित सभा में उन्होंने खुद को दूसरा लालू प्रसाद यादव बताते हुए समर्थकों में जोश भरा. माना जा रहा है कि कई वरिष्ठ नेता भी पर्दे के पीछे से उनका साथ दे रहे हैं और जातीय समीकरण के आधार पर संभावित प्रत्याशियों को तैयार कर रहे हैं. कई स्थानीय नेता तो अपने क्षेत्रों में तेज प्रताप के कार्यक्रम भी करा रहे हैं.
कई लोग तेजप्रताप की ओर उम्मीद से देख रहे
पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वर्षों से सिर्फ पुराने और खास चेहरे ही टिकट पाते रहे हैं, जिससे नए कार्यकर्ताओं को अवसर नहीं मिल पाता. ऐसे में कई लोग तेज प्रताप की ओर उम्मीद से देख रहे हैं. दिलचस्प यह है कि कार्यकर्ताओं के अनुसार तेजस्वी और तेज प्रताप में कोई फर्क नहीं है, दोनों सामाजिक न्याय की राजनीति के हिमायती हैं.
2020 में सिर्फ दरभंगा ग्रामीण सीट जीत सका था राजद
दरभंगा जिले की दस सीटों में 2020 में राजद सिर्फ दरभंगा ग्रामीण सीट जीत सका था. इस बार पार्टी अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है, लेकिन अगर बागी नेता तेज प्रताप के साथ हो गए तो यह “तेज प्रताप फैक्टर” राजद की रणनीति को नुकसान पहुंचा सकता है.
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