Tej Pratap Yadav: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर खुला हमला बोल दिया है. सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर उन्होंने सवाल उठाया—“ये यात्रा लोकतंत्र बचाने के लिए निकाली गई है या इसे तार-तार करने के लिए?” तेज प्रताप के इस बयान ने न सिर्फ़ यात्रा की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं बल्कि RJD के अंदरूनी मतभेदों को भी सुर्खियों में ला दिया है.
यात्रा पर सवाल
तेज प्रताप यादव ने X पर पोस्ट किए गए वीडियो में कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का यह अभियान लोकतंत्र की रक्षा के लिए है या उसकी मर्यादा को तोड़ने के लिए. इससे पहले भी वे पटना में निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को असली बहस बताया था और SIR (Special Revision of Electoral Roll) को “समय की बर्बादी” करार दिया था.

‘जयचंद’ का वार
तेज प्रताप का सबसे तीखा हमला नबीनगर विधायक विजय कुमार सिंह के ड्राइवर और एक पत्रकार पर हुए कथित हमले को लेकर था. उन्होंने इस घटना को “जयचंद” द्वारा कराया गया बताया और तीखी निंदा की. तेज प्रताप का यह इशारा RJD के भीतर ही किसी व्यक्ति की ओर माना जा रहा है. उन्होंने कहा—”अभी भी समय है, तेजस्वी. अपने आस-पास के जयचंदों से सावधान हो जाओ, नहीं तो चुनाव में बहुत बुरा नतीजा देखने को मिलेगा.”
नबीनगर हमला और सियासी हलचल
विजय कुमार सिंह उर्फ़ डब्लू सिंह औरंगाबाद जिले के नबीनगर से विधायक हैं. उनके ड्राइवर और एक पत्रकार पर हाल ही में हुए कथित हमले को तेज प्रताप ने पार्टी के भीतर विश्वासघात से जोड़ा है. राजनीतिक गलियारों में इसे सीधा तेजस्वी के नेतृत्व पर प्रहार माना जा रहा है.
अंदरूनी खींचतान या रणनीति?
तेज प्रताप यादव का यह बयान परिवार और पार्टी के भीतर के तनाव को फिर से सतह पर ले आया है. एक तरफ़ राहुल-तेजस्वी लोकतंत्र और वोट अधिकार की लड़ाई का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ़ तेज प्रताप के तीखे शब्द इस यात्रा की साख और मंशा दोनों पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
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