Sonpur Mela 2025 Full Guide: दुनिया के मशहूर हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला एक बार फिर देश-विदेश के टुरिस्ट और श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र है. एशिया के सबसे बड़े पशु मेले के रूप में प्रसिद्ध इस मेले में आने वाले पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने व्यापक इंतजाम किए हैं.
कपल्स के लिए विशेष सुविधा
इस बार सोनपुर मेले में कपल्स के लिए स्पेशल टूर पैकेज का भी इंतजाम किया गया है. मात्र 6 हजार रुपए में एक कपल को होटल में ठहरने, एसी गाड़ी, अनुभवी टूरिस्ट गाइड, ब्रेकफास्ट, लंच, स्नैक्स और डिनर जैसी सुविधा दी जा रही है.
टेंट में फाइव स्टार होटल जैसी सुविधा
पर्यटकों के लिए मेला के नजदीक ही पर्यटक ग्राम में मॉडर्न लग्जरी स्विस कॉटेज बनाया गया है. इन टेंटों को दो केटेगोरी में बनाया गया है. इनकी भव्यता को देखते हुए इन लग्जरी टेंटों को मिनी दरबारी और राजवाड़ी का नाम दिया गया है. सोनपुर में राजसी अंदाज वाले कई टेंट लगाए गए हैं. मिनी दरबारी और राजवाड़ी टेंट में फाइव स्टार होटल की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इन लग्जरी टेंटों का किराया देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग गया है.
कितना है किराया
देशी पर्यटकों के लिए एक रात का किराया 3 हजार रुपए और विदेशी पर्यटकों के लिए 5 हजार रुपए है. ये टेंट पूरी तरह से एयर कंडिशन्स हैं. इसके साथ-साथ इनमे में अटैच्ड बाथरूम, 24 घंटे बिजली-पानी, भोजन आदि के साथ सुरक्षा की पूरी व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है. बिहार पर्यटन विकास निगम पटना ने सोनपुर मेला तक लोगों के आने-जाने के लिए विशेष लग्जरी गाड़ियों की व्यवस्था की है. पर्यटकों के लिए इन लग्जरी वाहनों का परिचालन पटना से किया जा रहा है.
विदेशों से आ रहे हैं पर्यटक
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने पर्यटक ग्राम का निर्माण कराया गया है, जहां मेले में लग्जरी मिनी दरबारी और राजवाड़ी टेंट पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. इसमें जापान सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटक ठहरकर मेला क्षेत्र का आनंद ले रहे हैं. विभाग के अनुसार अब तक इस स्विस कॉटेज में जापान के 14 और जर्मनी के आठ लोग पहुंचकर मेले का लुत्फ उठा चुके हैं. इसके अलावा, चार देशी पर्यटक भी स्विस कॉटेज पहुंचे हैं.
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प्राचीन है सोनपुर का मेला
प्राचीन काल से सोनपुर में गंगा और गंडक नदियों के पवित्र संगम स्थल पर लगने वाला हरिहर क्षेत्र का यह मेला हर साल कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होता है. कार्तिक पूर्णिमा से एक महीने तक गंगा और गंडक के पवित्र संगम में लाखों श्रद्धालु स्नान कर एशिया के सबसे बड़े पशु मेले का नजारा देखने पहुंचते हैं. मेले का आनंद लेने के लिए देश-विदेश से पर्यटक यहां आते हैं.

