प्रह्लाद कुमार
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बाल विवाह, दहेज प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए राज्यभर के मंदिर, मस्जिद, अस्पताल व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सूचना पट्ट लगाए जायेंगे. साथ ही, धार्मिक स्थलों पर रहने वाले पुजारी एवं अन्य धार्मिक पुरुषों को इससे जोड़ा जायेगा, ताकि वह भी समाज में फैले इस कुप्रथा के खिलाफ लोगों को जागरूक करें. वहीं, बिहार में लागू शराबबंदी कानून को और प्रभावी ढंग से लागू कराने में इनका भी योगदान रहें. समाज कल्याण विभाग की ओर से इसके लिए एक योजना तैयार की जा रही है, जिसकी मदद से जल्द ही सभी धर्मिक स्थलों पर अभियान चलाया जायेगा.
ग्रामीण इलाकों में विशेष जागरुकता अभियान चलाया जायेग
विभागीय अधिकारियों के अनुसार बाल विवाह, दहेज प्रथा की कुरीतियों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए ग्रामीण इलाकों में विशेष जागरुकता अभियान चलाया जायेगा. विशेषकर पंचायतों में स्थित महत्वपूर्ण जगहों स्कूल, मंदिर, मस्जिद, अस्पताल, पंचायत भवन आदि जगहों पर सूचना पट्ट स्थापित किया जायेगा. जिसपर बाल विवाह व दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों से संबंधित कानून को विस्तार से लिखा जायेगा, ताकि कानून तोड़ने वालों को किस तरह की सजा मिलेगी, इसके बारे में उनको पता होना चाहिये. वहीं, विभाग के अधिकारियों का मोबाइल नंबर भी देने का निर्णय लिया गया है, ताकि संदिग्ध मामलों की सूचना अधिकारियों तक तुरंत पहुंच सकें.
घर-घर चलेगा जागरूकता अभियान, समिति का होगा गठन
समाज कल्याण विभाग के मुताबिक नयी योजना के तहत घर-घर जागरुकता अभियान चलाया जायेगा. एक समिति का गठन किया जायेगा, जो पंचायत स्तर पर काम करेगी. इनका काम होगा कि यह सभी छोटे-बड़े धार्मिक स्थलों में जाकर वहां के लोगों से मिले. उनसे सहयोग लें. ताकि धार्मिक स्थलों पर पहुंचने वाले लोगों को बाल विवाह एवं दहेज लेना देना कैसे जुर्म है और इसको लेकर सरकार के कौन-कौन से सख्त कानून है. इसकी बारें में जान सकें.
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