Patna News: पटना में ऑटो चालकों ने एकतरफा फैसला लेते हुए गांधी मैदान से पटना जंक्शन मल्टीलेवल पार्किंग तक के किराये में बढ़ोतरी कर दी है. अब यात्रियों को 15 रुपये की जगह 20 रुपये चुकाने होंगे.
ऑटो मेंस यूनियन ने यह फैसला पहली जनवरी से लागू करने का ऐलान किया है. हालांकि जिला प्रशासन ने इस बढ़ोतरी को मनमाना बताते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है. ऐसे में सवाल यह है कि रूट बदलने की मजबूरी और प्रशासन की अनुमति के बिना लिया गया फैसला, यात्रियों के लिए कितनी परेशानी खड़ी करेगा.
यूनियन की बैठक में लिया गया फैसला
मंगलवार को गांधी मैदान में ऑटो मेंस यूनियन की बैठक हुई, जिसमें किराया बढ़ाने का निर्णय लिया गया. यूनियन के महासचिव अजय कुमार पटेल का कहना है कि परिवहन विभाग को कई बार किराया संशोधन के लिए पत्र दिया गया, लेकिन कोई पहल नहीं हुई. मजबूरी में ऑटो चालकों को खुद ही किराया बढ़ाने का फैसला लेना पड़ा. यूनियन का दावा है कि नई यातायात व्यवस्था और रूट में बदलाव के कारण उनकी रोजमर्रा की लागत बढ़ गई है.
मेट्रो निर्माण बना किराया बढ़ोतरी की वजह
फ्रेजर रोड और आकाशवाणी इलाके में मेट्रो निर्माण कार्य चल रहा है. इसके चलते उस रास्ते से ऑटो परिचालन पर रोक लगा दी गई है. अब गांधी मैदान से पटना जंक्शन जाने वाले ऑटो चालकों को एसपी वर्मा रोड होते हुए डाकबंगला चौराहा और कोतवाली टी के रास्ते मल्टीलेवल पार्किंग तक जाना पड़ रहा है. इससे एक से डेढ़ किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है. यूनियन का कहना है कि इसी वजह से किराये में पांच रुपये की बढ़ोतरी की गई है.
नए किराये से यात्रियों की बढ़ी चिंता
किराया बढ़ने से सबसे ज्यादा असर रोजाना सफर करने वाले यात्रियों पर पड़ेगा. गांधी मैदान से पटना जंक्शन का रूट छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और रेल यात्रियों के लिए बेहद अहम है. यात्रियों का कहना है कि पहले ही ठंड और कोहरे में सफर मुश्किल हो गया है, ऊपर से किराया बढ़ने से जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है. कई यात्रियों ने इसे ऑटो चालकों की मनमानी करार दिया है.
प्रशासन ने बताया मनमाना फैसला
जिला प्रशासन ने साफ किया है कि बिना अनुमति किराया बढ़ाना नियमों के खिलाफ है. डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि गांधी मैदान से पटना जंक्शन तक ऑटो किराया बढ़ाने की शिकायत मिली है और इसकी जांच कराई जाएगी. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कोई भी चालक या यूनियन अपने मन से किराया नहीं बढ़ा सकता. परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस को भी इस मामले की जानकारी नहीं दी गई है.
यह पहली बार नहीं है जब पटना में ऑटो चालकों ने एकतरफा किराया बढ़ाया हो. इससे पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का हवाला देकर भी किराया बढ़ाया जा चुका है. हर बार प्रशासन और यूनियन के बीच खींचतान देखने को मिलती है, लेकिन नुकसान अंततः यात्रियों को ही उठाना पड़ता है.
अब सबकी नजर जिला प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी है. अगर प्रशासन सख्ती दिखाता है तो बढ़ा हुआ किराया वापस लिया जा सकता है, लेकिन अगर रूट में बदलाव स्थायी रहा तो भविष्य में किराया संशोधन की मांग और तेज हो सकती है. फिलहाल यात्रियों को पहली जनवरी से गांधी मैदान से पटना जंक्शन तक के सफर के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे.
पटना में ऑटो किराये की यह बढ़ोतरी केवल पांच रुपये की नहीं है, बल्कि यह शहर की यातायात व्यवस्था, मेट्रो निर्माण और प्रशासनिक नियंत्रण पर भी सवाल खड़े करती है. है.
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