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Bihar News: महिला उत्पीड़न पर बिहार पुलिस का कड़ा एक्शन, DGP का एलान-कार्यस्थल पर जीरो टॉलरेंस, शिकायत दबाना भी होगा अपराध

Bihar News: कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा से समझौता अब बर्दाश्त नहीं होगा. पुलिस मुख्यालय से साफ संदेश दिया गया है,उत्पीड़न की हर शिकायत पर कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी, चुप्पी भी अपराध मानी जाएगी.

Bihar News: कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम को लेकर बिहार पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है. इसी क्रम में पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन, पटना में ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) अधिनियम, 2013’ यानी पॉश एक्ट पर आधारित जागरूकता सह संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीजीपी विनय कुमार ने स्पष्ट कहा कि महिलाओं की सुरक्षा संगठन की प्राथमिक जिम्मेदारी है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

उत्पीड़न छुपाना भी अपराध

डीजीपी विनय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यस्थलों पर महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल देना केवल नैतिक ही नहीं, कानूनी दायित्व भी है. उन्होंने दो टूक कहा कि उत्पीड़न की शिकायत को दबाना या नजरअंदाज करना भी अपराध की श्रेणी में आएगा. हर शिकायत पर समयबद्ध और नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. सरकार इस विषय को लेकर पूरी तरह गंभीर है और जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है.

पॉश एक्ट पर पुलिस अधिकारियों को किया गया संवेदनशील

यह कार्यक्रम एडीजी (कमजोर वर्ग) अमित कुमार जैन के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य अधिकारियों और कर्मचारियों को पॉश एक्ट के प्रावधानों के प्रति संवेदनशील बनाना था। एडीजी डॉ. अमित जैन ने जानकारी दी कि पॉश कानून 2013 के तहत जहां भी दस से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां आंतरिक परिवाद समिति बनाना अनिवार्य है.

उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस में इस समय 52 आंतरिक परिवाद समितियां सक्रिय हैं, जो शिकायत मिलने पर तथ्यात्मक जांच, काउंसिलिंग और समयबद्ध सिफारिश की प्रक्रिया अपनाती हैं.

घरेलू कामगारों के लिए भी व्यवस्था

कार्यक्रम में यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि पीड़िता घरेलू कामगार है या किसी संस्थान में आंतरिक समिति गठित नहीं है, तो ऐसे मामलों की सुनवाई जिला स्तरीय लोकल कंप्लेंट कमेटी यानी एलसीसी करेगी.एलसीसी की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी करते हैं. यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि किसी भी महिला को न्याय से वंचित न होना पड़े.

पुलिस मुख्यालय से जिलों तक जागरूकता का निर्देश

केंद्रीय क्षेत्र के आईजी और पटना जिला आंतरिक समिति के अध्यक्ष ने पॉश एक्ट से जुड़ी विस्तृत जानकारी साझा की. सभी जिलों को परामर्श दिया गया कि वे अपने-अपने स्तर पर जागरूकता, संवेदीकरण और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें. कार्यक्रम का संचालन सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कल्याण) स्मिता सुमन ने किया, जिन्होंने कानून की अवधारणा और इसके व्यावहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला.

कार्यक्रम में एसपी कमजोर वर्ग आमिर जावेद, एसपीसी अंकित कश्यप, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, आकांक्षा सेवा सदन की वंदना शर्मा, अधिवक्ता सक्षित अली और बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मी उपस्थित रहीं.

वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि पीड़िता का सम्मान और गोपनीयता सर्वोपरि है और यही पॉश एक्ट की आत्मा भी है.

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Pratyush Prashant
Pratyush Prashant
कंटेंट एडिटर और तीन बार लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया विषय में पीएच.डी. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल की बिहार टीम में कार्यरत. डेवलपमेंट, ओरिजनल और राजनीतिक खबरों पर लेखन में विशेष रुचि. सामाजिक सरोकारों, मीडिया विमर्श और समकालीन राजनीति पर पैनी नजर. किताबें पढ़ना और वायलीन बजाना पसंद.

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