स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम
राजदेव पांडेय ,पटना
बिहार के संदर्भ में इसे सुखद संयोग ही कहा जायेगा कि राज्य की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए अब लोन लेने काफी संख्या में अभिभावक सामने आ रहे हैं. तुलनात्मक रूप में इसमें उत्साहजनक वृद्धि हुई है.इस योजना के तहत विद्यार्थियों को बांटे गये कुल लोन में बेटियों की हिस्सेदारी 30 % हो गयी है. बेटियों के खाते में आये लोन अधिकतर तकनीकी शिक्षा के लिए हैं. करीब तीन साल पहले तक यह हिस्सेदारी करीब 24 प्रतिशत तक थी. योजना के शुरुआत होने से लेकर 31 मार्च 2025 तक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम में 3,59, 424 विद्यार्थियों को लोन बांटे जा चुके हैं. इनमें अकेले छात्राओं की संख्या 1,06,401 है. हालांकि , लड़कियों के स्वीकृत लोन की संख्या कुल लोन संख्या का 32% (1,14,512) है. चूंकि राज्य में इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं की संख्या करीब-करीब लड़कों से अधिक है. इसलिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड में बेटियों के लिए लोन लेने के लिए आ रहे आवेदन अभी कमतर माने जा सकते हैं.
बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए लोन दिलाने में अभिभावकों का जोर बढ़ा
कुल मिलाकर कमोबेश समाज के सभी वर्ग की लड़कियों की लोन में हिस्सेदारी उस वर्ग के पुरुषों की तुलना में 28-30% ही है. इसका सीधा अर्थ ये है कि समाज के सभी वर्गों का लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलाने लोन लेने का ट्रेंड करीब-करीब एक जैसा ही है.
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लोन वितरण से जुड़े तथ्य
कुल बांटे लोन इस वर्ग की महिलाओं को
की संख्यामिले लोन की संख्या
इबीसी
6478619294 (29.78%)सामान्य वर्ग
10501931081 (29.59)पिछड़ा वर्ग
14960644646 (29.84%)अनुसूचित जाति वर्ग
3632110340 (28.46%)अनुसूचित जनजाति वर्ग
36921040 (28.16%)डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है