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संवाददाता, पटना ऑटो व इ-रिक्शा चालकों के प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए अधिकतर स्कूलों के वैन चालकों ने भी स्कूलों में वैन के परिचालन को बंद रखा. इससे अभिभावकों को स्वयं ही बच्चों को स्कूल छोड़ने व लाने के लिए जाना पड़ा. गांधी मैदान स्थित सेंट जेवियर्स हाइस्कूल के पास बच्चे के इंतजार में खड़े अभिभावकों ने बताया कि इस नियम के लागू होने से काफी परेशानी हो रही है. स्कूली ऑटो व इ-रिक्शा पर रोक लगने के कारण बच्चे को रोज स्कूल छोड़ने आना पड़ेगा. बस या वैन शहर की सभी गलियों में आ नहीं पाते हैं. इससे अब खुद ही स्कूल छोड़ने व घर पहुंचाने का विकल्प बचा है. बच्चों को पढ़ाने के लिए अब नौकरी तो नहीं छोड़ सकते हैं. वहीं स्कूल के गेट पर खड़े दूसरे अभिभावक ने बताया कि बिहार सरकार को इस नियम पर पूर्ण विचार करना चाहिए. स्कूल वैन हमारे मुहल्ले में नहीं घुस सकती है.दोगुनी हो गयी परेशानी
रोज नौकरी के बीच में बच्चों को स्कूल से पहुंचाने व घर लाना असंभव हो रहा है. इसके अलावा स्कूली वैन भी ऑटो व इ-रिक्शा वालों के समर्थन में बंद हैं. इससे परेशानी दोगुनी हो गयी है.– विकास, अभिभावक बिहार सरकार ने बिना किसी अल्टीमेटम के ऑटाे व इ-रिक्शा को स्कूल में चलने से प्रतिबंध लगा दिया. यह निर्णय लगाने से पहले अभिभावकों की समस्या से भी अवगत होना चाहिए था. साथ ही सरकार ने ऑटो चालकों को अपग्रेडेशन का समय भी नहीं दिया है.
– शुभम, अभिभावकडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है