Rivers of Bihar: पटना. बिहार की 50 से अधिक नदियां संकट में हैं. इनमें 32 बड़ी नदियां सूख चुकी हैं, जबकि 18 नदियों में पानी मापने लायक भी नहीं बचा है. यही नहीं अन्य नदियों से भी तेजी से पानी गायब हो रहा है. ऐसी चिंताजनक स्थिति तब है जबकि इस साल बिहार में प्री मानसून में सामान्य से पांच फीसदी ज्यादा (62.3 मिमी) बारिश हो चुकी है. नदियों की इस प्रकृति से विशेषज्ञ भी हैरान हैं. सबसे हैरत की बात तो यह है कि गंगा, सोन, अधवारा, करेह और बागमती जैसी बड़ी नदियां भी संकटग्रस्त है. इनमें भी पानी गायब हो रहा है. इसके अलावा कई ऐसी नदियां हैं, जिनमें अगले कुछ दिनों में पानी की भारी किल्लत होनेवाली है. जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट में नदियों की इस स्थिति का खुलासा हुआ है.
22 जिलों में नदियां बीमार
रिपोर्ट के अनुसार राज्य के हर इलाके में नदियों की स्थिति बिगड़ी है. विभाग के अनुसार इसके कारण लगभग 22 जिलों में स्थिति खराब हुई है. सबसे खराब स्थिति तो नालंदा जिले की है. यहां आधा दर्जन से अधिक नदियां सूख गयी हैं. सूखी नदियों में पटना की नदियां भी शामिल हैं. यहां की दो नदियों में पानी नहीं है. विभाग की रिपोर्ट बताती है कि पांच साल पहले इस समय महज पांच नदियां ही सूखी थीं. इनमें गया की मोरहर व जमुने के अलावा नालंदा जिले की मोहाने, लोकाइन और धोबा नदियां शामिल थी. ये नदियां आज भी सूखी हैं. माना जा रहा है कि इनमें से कई नदियां धीरे-धीरे मृत व मृत प्राय हो रही हैं.
बिहार में कुल 78 नदियां
जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट को मानें तो बिहार में छोटी-बड़ी करीब 78 नदियां 119 मुख्य स्थानों से होकर गुजरती हैं. इस समय इन 119 स्थानों में से करीब 61 से होकर गुजरने वाली नदियों में पानी नहीं है. वहीं, राज्य की मुख्य 10 नदियां में भी अब पानी की कमी है, जिससे कि इन नदियों से ठीक तरीके से सिंचाई का पानी नहीं मिल पा रहा. इनमें गंगा, कोसी, घाघरा, गंडक, बूढ़ी गंडक, महानंदा, बागमती, कमला बलान, पुनपुन और अधवारा समूह की नदियां शामिल हैं. अब केवल बारिश का इंतजार है जिससे कि नदियों में पानी आये और 19 जिलों के 102 प्रखंडों के ग्राउंड वाटर लेवल में बढ़ोतरी हो.
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