13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राहत इंदौरी साहब को था अजीमाबाद की सरजमीं से बेहद प्यार, कहा था- ”तहजीब में घुली-मिली है शेर-ओ-शायरी”

पटना से रविशंकर उपाध्याय : मकबूल शायर राहत इंदौरी ने मंगलवार की सुबह जब सोशल मीडिया पर खुद को कोरोना पॉजिटिव बताते हुए पोस्ट किया, तो पूरे देश के साथ पटना में भी उनके लिए दुआओं में हाथ उठ गये.

पटना से रविशंकर उपाध्याय : मकबूल शायर राहत इंदौरी ने मंगलवार की सुबह जब सोशल मीडिया पर खुद को कोरोना पॉजिटिव बताते हुए पोस्ट किया, तो पूरे देश के साथ पटना में भी उनके लिए दुआओं में हाथ उठ गये.

लेकिन, शाम पांच बजे जैसे ही कार्डियक अरेस्ट की वजह से उनके इंतकाल की खबर मिली. सब रूआंसे हो गये. खुदा ने हमारी दुआ कुबूल नहीं की और राहत साहब दुनिया से रुखसत हो गये.

राहत इंदौरी के दुनिया छोड़ने की खबर पर उनका ही शेर याद आ गया. ”ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था, मैं बच भी जाता, तो एक दिन मरने वाला था…” वे चले गये. लेकिन, उनकी शायरी हमें अब हर पल याद आयेगी.

पटना में वे प्रभात खबर के मुशायरे में भी तशरीफ लाये थे, तो राज्य सरकार के अनेकों कार्यक्रमों के साथ प्रमुख कंपनियों के कार्यक्रम में शामिल होते रहते थे. वे 2018 में जब बिहार सरकार के कार्यक्रम में आये थे, तो प्रभात खबर ने उनका इंटरव्यू किया था.

उन्होंने मुझसे बातचीत के क्रम में कहा था कि पटना से उन्हें मुहब्बत है, क्योंकि यह शाद अजीमाबादी की सरजमीं है. अजीमाबाद की तहजीब में शेर-ओ-शायरी इतनी घुली-मिली है कि मुझे हमेशा यही लगा कि ऐसे श्रोताओं के समीप हूं, जो शायरी को कितने प्यार से समझते हैं. कितना सम्मान देते हैं.

Posted By : Kaushal Kishor

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें