संवाददाता, पटना
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पटना पुलिस को पूरी तरह से डिजिटली रूप से मजबूत किया जायेगा. इसकी कवायद पटना पुलिस ने शुरू कर दी है और कुछ थानों में वैसे पुलिसकर्मी जो लैपटॉप चलाना नहीं जानते हैं या फिर टाइपिंग का ज्ञान नहीं हैं, उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है. उन्हें वर्ष 2018, 2019 व 2020 बैच के सब इंस्पेक्टर प्रशिक्षित कर रहे हैं. हालांकि ये पुलिसकर्मियों को बेसिक ज्ञान दे रहे हैं. क्योंकि कई ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो लैपटॉप को ठीक से चलाना नहीं जानते हैं और टाइपिंग नहीं आती है. जबकि सरकार की ओर तमाम अनुसंधानकर्ताओं को लैपटॉप भी दिया जाना है, ताकि वे सीसीटीएनएस से जुड़ सके और प्राथमिकी, केस डायरी, चार्जशीट को ऑनलाइन माध्यम से डाल सकें. नये बैच के जो भी पुलिसकर्मी हैं, उनमें से अधिकांश को लैपटॉप व टाइपिंग का ज्ञान है. लेकिन कई ऐसे सिपाही जो हाल के दिनों में ही एएसआइ में प्रोन्नत हुए हैं, वे लैपटॉप फ्रेंडली नहीं हैं और टाइपिंग नहीं जानते हैं. जबकि उनका सेवाकाल 10 वर्षों से भी अधिक हैं. एएसआइ होते ही वे अनुसंधानकर्ता बन जाते हैं और उन्हें भी सीसीटीएनएस से जुड़कर केस डायरी, चार्जशीट ऑनलाइन डालना है.
शनिवार को एसएसपी अवकाश कुमार की अध्यक्षता में चार घंटे चली क्राइम मीटिंग में क्राइम कंट्रोल के साथ ही पुलिसकर्मियों को लैपटॉप चलाने और टाइपिंग के प्रशिक्षण को लेकर विस्तार से चर्चा की गयी. इस दौरान एसएसपी ने तमाम सिटी एसपी को अपने-अपने क्षेत्र में पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण की मॉनिटरिंग करने व जल्द से जल्द प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया. इसके अलावा क्राइम कंट्रोल को लेकर एसएसपी ने गली-मुहल्लों में भी बाइक से गश्ती करने पर बल दिया. साथ ही बदमाशों की पहचान करने, गुंडा पंजी में नये नाम जोड़ने और लंबित केसों के अनुसंधान में गति लाने और निबटारा करने का भी निर्देश दिया. एसएसपी ने स्पष्ट कर दिया कि क्राइम कंट्रोल और अनुसंधान में लापरवाही पाये जाने पर बख्शा नहीं जायेगा. मीटिंग के दौरान सिटी एसपी मध्य, सिटी एसपी पश्चिमी, सिटी एसपी पूर्वी, ग्रामीण एसपी व पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे.
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