Patna, मोनु कुमार मिश्रा: पटना के मीठापुर गांव का 18 वर्षीय अभिषेक कुमार उर्फ हरिओम फौज की वर्दी पहनकर देश की सेवा करना चाहता था. इसी सपने को पूरा करने के लिए वह चार दिन पहले उड़ीसा के गोपालपुर में चल रही अग्निवीर भर्ती में शामिल होने गया था. लिखित और शारीरिक परीक्षा पास कर लेने के बाद अब केवल मेडिकल जांच बाकी थी, जो 22 सितंबर को होना था. लेकिन उससे एक दिन पहले ही समुद्र की लहरों ने उसका जीवन निगल लिया.
नहीं बच सकी हरिओम की जान
जानकारी के मुताबिक, 21 सितंबर की शाम हरिओम अपने चार साथियों के साथ समुद्र तट पर नहा रहा था. अचानक तेज लहरें आईं और सभी युवक बहने लगे. स्थानीय लोगों की मदद से तीन को तो बचा लिया गया, लेकिन हरिओम की जान नहीं बच सकी. हरिओम के पिता पिंकू कुमार भी सेना में थे, लेकिन इस वर्ष अप्रैल में उन्होंने खुदकुशी कर ली थी. अब बेटे की असमय मौत ने परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया है.
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परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
हरिओम घर का इकलौता बेटा था और उसकी एक बहन है. मां नीपू देवी और दादा मिथिलेश सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है. ग्रामीणों का कहना है कि बचपन से ही हरिओम फौज में भर्ती होने का सपना देखता था. पिता की तरह वह भी वर्दी पहनकर परिवार का नाम रोशन करना चाहता था, लेकिन किस्मत ने बीच रास्ते में ही उसका सपना छीन लिया.
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