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Patna News: बांस घाट पर मरीन ड्राइव से दिखेगी 12 फुट ऊंची ‘आदिशक्ति’ की भव्य प्रतिमा, इस राज्य के कलाकार कर रहे तैयार!

Patna News: राजधानी का बांस घाट आधुनिक श्मशान घाट के रूप में आकार ले रहा है. यहां पंजाब के कलाकार 12 फुट ऊंची आदिशक्ति की प्रतिमा तैयार कर रहे हैं. इसे दो तालाबों के बीच स्थापित की जाएगी, जो मरीन ड्राइव से भी दिखेगी. वहीं, मोक्ष द्वार और बैकुंठ द्वार के साथ यहां अंतिम संस्कार और शांति का केंद्र बनेगा.

Patna News: राजधानी पटना के बांस घाट पर राज्य का पहला आधुनिक श्मशान घाट तेजी से आकार ले रहा है. पटना स्मार्ट सिटी और बुडको द्वारा करीब 89.40 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस श्मशान घाट को एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है. जिसके चलते अंतिम संस्कार की सुविधा के साथ ही, यह कला और शांति का भी केंद्र बनेगा. इस प्रोजेक्ट का मुख्य आकर्षण इसके भव्य द्वार और दो तालाबों के बीच स्थापित की जाने वाली 12 फुट ऊंची आदिशक्ति की भव्य प्रतिमा है. इस कलात्मक कार्य में मुख्य आर्टिस्ट गुरु प्रीत सिंह और प्रगति गुप्ता का अहम योगदान है. इन दोनों कलाकारों ने जी20, महाकुंभ और डिजिटल इंडिया जैसे बड़े प्रोजेक्टों के लिए काम किया है. अब ये स्मार्ट सिटी के साथ इस श्मशान घाट को एक नई पहचान दे रहे हैं. वहीं, श्मशान घाट परिसर में दो तालाब तैयार किए गए हैं. इनमें से एक तालाब अस्थि विसर्जन के लिए होगा, जबकि दूसरा स्नान के लिए. इन दोनों तालाबों में गंगा का पानी लाया गया है.

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मरीन ड्राइव से भी नगर आएंगे महादेव

बता दें कि, शवदाहगृह परिसर में दो तालाबों के बीच 12 फुट ऊंची आदिशक्ति की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इसे पंजाब की एक विशेष टीम द्वारा एफआरपी (फाइबर रीइन्फोर्स्ड प्लास्टिक) मॉडल से तैयार किया जा रहा है. प्रतिमा पहले मिट्टी से बनाई गई, फिर सांचा तैयार हुआ और अब इसमें फाइबर का काम चल रहा है. इस प्रतिमा की विशेषता है कि यह पहली बार बिहार में इस तरह से बन रही है, और इसे पटना के मरीन ड्राइव से भी लोग देख सकेंगे. प्रतिमा में शिव के सिर से गंगा को निकलते हुए भी प्रदर्शित किया जाएगा.

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महादेव के हाथ में 15 फुट रहेगा त्रिशूल

परिसर में दो विशाल द्वार बनाए जा रहे हैं. इनमें से एक मोक्ष द्वार और दूसरा बैकुंठ द्वार कहलाएगा. द्वार को एमएस मीडियम में तैयार किया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई 40 फुट और चौड़ाई 55 फुट रहेगी. दरवाजों में मजबूती के लिए फ्रेश लोहे का इस्तेमाल किया गया है. महादेव के हाथ में 15 फुट का त्रिशूल भी लगाया जाएगा, जिसे तैयार कर लिया गया है. आदिशक्ति की प्रतिमा अगले 15 से 20 दिनों के भीतर तैयार कर स्थापित करने का लक्ष्य है. दोनों द्वारों में कांसे से बना ओम चिन्ह भी स्थापित किया जाएगा.

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जन्म से लेकर मृत्यु तक की जीवन यात्रा को किया प्रदर्शित

बांस घाट की दीवारों पर विशेष पेंटिंग की जा रही है, जो इंसान के जन्म से लेकर मृत्यु तक की जीवन यात्रा को प्रदर्शित करेगी. इसमें इंसान के जन्म होने से लेकर उनके कर्मों को दिखाया जा रहा है. साथ ही, उनके कर्मों के अनुसार मिलने वाले नरक व स्वर्ग रे रास्ते को भी पेंटिंग के जरिए उकेरा गया है. इसके अलावे शांति और संतोष के भाव को दर्शाने वाले स्लोगन भी लिखे जाएंगे.

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