Patna Air pollution: राजधानी पटना की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. मंगलवार को समनपुरा का AQI 334 दर्ज किया गया, जबकि दानापुर के रेलवे यार्ड क्षेत्र में यह 213 तक पहुंच गया. शहर का औसत एक्यूआई 196 रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है. सबसे बड़ी चिंता यह है कि दो सप्ताह पहले बारिश के बाद यह स्तर 50-60 तक गिर गया था, लेकिन अब फिर से आसमान में धूल का कुहासा लौट आया है.
समनपुरा में धूल का गुबार, हवा में घुला जहर
समनपुरा में वेटनरी कॉलेज के पास निर्माणाधीन भवन इस प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बन गया है. यहां लगातार मिट्टी की खुदाई और ट्रकों से मिट्टी के ढोए जाने से धूल के कण हवा में फैल रहे हैं. पीएम 10 और पीएम 2.5 जैसे सूक्ष्म कणों की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है.
इन कणों का आकार इतना छोटा होता है कि यह सांस के साथ सीधे फेफड़ों में पहुंच जाते हैं और लंबे समय में दमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय रोग जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से आंखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें बढ़ी हैं.
रेलवे यार्ड में भी धूल की परत, ट्रकों का आवागमन बना कारण
दानापुर रेलवे यार्ड का हाल भी कुछ अलग नहीं है. यहां रोजाना सीमेंट और अनाज की बोरियां उतरती हैं, जिससे निकलने वाली धूल ने इलाके की हवा को भारी बना दिया है. डीआरएम कार्यालय के आसपास का AQI मंगलवार को 213 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ की सीमा को छू रहा है.
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि यार्ड में पानी का छिड़काव कभी-कभार ही होता है. नतीजा यह है कि धूल के गुबार दिनभर हवा में तैरते रहते हैं और शाम तक पूरा इलाका धुंध में लिपट जाता है.
शहर का ओवरऑल एक्यूआई ‘खराब’, सांसें हुईं भारी
मॉनिटरिंग स्टेशनों के ताजा आंकड़ों के अनुसार समनपुरा: 334, डीआरएम ऑफिस, दानापुर: 213, मुरादपुर: 182, राजी नगर: 172, तारामंडल: 161, शिकारपुर: 115.
इन सभी स्टेशनों का औसत 196 रहा, जो बताता है कि पटना की हवा सांस लेने लायक नहीं रह गई है. 200 से ऊपर का AQI ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में माना जाता है और इससे बच्चों, बुजुर्गों और फेफड़े की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सबसे अधिक खतरा होता है.
जुर्माना तय, नोटिस भेजी गई निर्माण एजेंसियों को
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने समनपुरा स्थित निर्माण स्थल की एजेंसी को नोटिस भेजा है.अध्यक्ष डी.के. शुक्ला ने बताया कि निर्माण कार्य में धूल रोकने के मानकों का पालन नहीं किया गया. एजेंसी पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसी तरह दानापुर रेलवे यार्ड को भी नोटिस जारी की गई है, ताकि वहां नियमित रूप से पानी का छिड़काव हो सके और धूल के स्तर में कमी लाई जा सके.
शुक्ला ने साफ कहा “प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हम लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और किसी भी क्षेत्र को ढिलाई नहीं दी जाएगी.
बारिश का असर खत्म, पटना फिर सांस लेने को तरसा
पटना की हवा को राहत सिर्फ बारिश से मिलती है. दो सप्ताह पहले हुई झमाझम बारिश ने AQI को 60 तक गिरा दिया था. लेकिन जैसे ही नमी खत्म हुई, निर्माण कार्य और सड़कों पर उड़ती धूल ने फिर से हवा में जहर घोल दिया.
अगर यही हाल रहा तो नवंबर के दूसरे पखवाड़े में राजधानी की हवा दिल्ली और गाजियाबाद की श्रेणी में पहुंच सकती है.
पटना की हवा में बढ़ते ज़हर की कहानी सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि उन लोगों की है जो हर दिन इस धुंध में सांस ले रहे हैं. चाहे निर्माण एजेंसियां हों या सरकारी संस्थान किसी की लापरवाही अब छुपी नहीं रह सकती. शहर को सिर्फ योजनाओं की नहीं, एक सख्त अमल की जरूरत है ताकि समनपुरा से लेकर दानापुर तक हवा फिर से सांस लेने लायक बन सकें.

