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बिहार की पंचायतें बन रहीं स्मार्ट, 2636 मामलों में सुनाया फैसला

बिहार के गांवों के लोग अपने स्मार्ट फोन से ग्राम कचहरियों में मामले ले जा रहे हैं. कुछ ही महीनों में इ- ग्राम कचहरी के जरिये 15 हजार 559 मामले दर्ज हुए.

संवाददाता, पटना बिहार के गांवों के लोग अपने स्मार्ट फोन से ग्राम कचहरियों में मामले ले जा रहे हैं. कुछ ही महीनों में इ- ग्राम कचहरी के जरिये 15 हजार 559 मामले दर्ज हुए. इनमें 8148 दीवानी तथा 7411 फौजदारी किस्म के मामले हैं. 1163 दीवानी तथा 1473 फौजदारी मामलों, यानी कुल 2636 मामलों की सुनवाई कर ग्राम कचहरियां कर फैसला सुना चुकी हैं. इस संबंध में पंचायत राज विभाग के निदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि राज्य के तीन जिले मुजफ्फरपुर में 1109, पूर्वी चंपारण में 1096 और सीतामढ़ी में 995 मामले दर्ज हुए जो पंचायत इ-ग्राम कचहरी के तहत सर्वाधिक हैं. उन्होंने बताया कि इसी तरह पहली मार्च तक पूर्वी चंपारण में 307, पटना में 301 और सीतामढ़ी में 273 मामलों का निबटारा पोर्टल पर दर्ज मामलों में से किया गया. उन्होंने कहा कि इससे लोगों के बीच ग्राम कचहरी की विश्वसनीयता बढ़े रही है. विवादों के निबटारे के लिए पोर्टल पर लोगों की जिस तरह की प्रतिक्रिया मिल रही है, वह रेखांकित करने वाला है. इससे आम जन भी सशक्त होंगे. इसे लागू करने वाला बिहार पहला राज्य पंचायती राज निदेशक के मुताबिक इस प्रणाली को लागू करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है. पंचायती राज विभाग की कोशिश है कि लोकतंत्र की सबसे निचली इकाई में पारदर्शी तरीके से लोगों को समयबद्ध न्याय मिले. इस प्रणाली को इसी मंशा से विकसित किया गया है.यह लोगों को सस्ता, सरल एवं ससमय इंसाफ देगी. घर बैठे दर्ज शिकायतों की मिलेगी जानकारी उन्होंने बताया कि ग्रामीण आबादी पंचायत इ-ग्राम कचहरी पोर्टल के जरिये ग्राम कचहरी में घर बैठे अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर रही है. आवेदन की ताजा स्थिति के बारे में उन्हें इसी पोर्टल से जानकारी मिल रही है. सरपंच के लिए सप्ताह में दो दिन सुनवाई होगी अनिवार्य मालूम हो कि पंचातयों के ‘सरपंच’ तथा ‘पंच’ को ग्राम पंचायतों में लोगों के आपसी विवाद को सुलझाने की भूमिका निभानी है. यहां ग्राम कचहरियों की संख्या 8053 है. उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष 25 अक्तूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पोर्टल का लोकर्पण किया था. निदेशक आनंद शर्मा के मुताबिक ग्राम कचहरी के फैसले की प्रति भी ऑनलाइन उपलब्ध करायी जा रही है. इस बीच पंचायती राज विभाग पंचातयों में विवादों के तेजी से निबटारे के लिए सप्ताह में दो दिन सरपंचों की सुनवाई अनिवार्य करने की तैयारी कर रहा है. न वकील न पैरवीकार, तारीख की जानकारी लेना आसान आमतौर पर कोर्ट-कचहरी में अपने मुकदमों की पैरवी के लिए वकील की जरूरत होती है. पर यहां इससे छुटकारा है. यहां तक कि सुनवाई की तारीख के लिए कहीं आने या जाने की जरूरत नहीं है. उसी पोर्टल से मुकदमों की सुनवाई की तारीख भी मिल जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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