Bihar News: बिहार में लंबित मुकदमों के निपटारे को गति देने के लिए पुलिस महकमा अब गवाही की प्रक्रिया को डिजिटल माध्यम से आगे बढ़ाने जा रहा है. इसी कड़ी में ‘मेडलीप पीआर’ नामक विशेष ऐप को तैयार किया जा रहा है, जिसके जरिए डॉक्टरों और मेडिकल अधिकारियों की गवाही ऑनलाइन दर्ज कराई जाएगी.
डॉक्टरों की गवाही पर रहेगा खास फोकस
मुकदमों की सुनवाई में पोस्टमार्टम रिपोर्ट या इंज्यूरी रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टरों की पेशी अहम मानी जाती है. कोर्ट में बार-बार उनकी अनुपस्थिति मुकदमे की गति धीमी कर देती है. इस समस्या को दूर करने के लिए ऐप के जरिए डॉक्टर निर्धारित तारीख पर ऑनलाइन गवाही दे सकेंगे.
20 दिन में हो सकता है लॉन्च
पुलिस मुख्यालय ने संकेत दिया है कि ‘मेडलीप पीआर’ ऐप को अगले 20 दिनों में शुरू किया जा सकता है. ऐप से जुड़े डॉक्टरों और मेडिकल अधिकारियों को केस की तारीख पहले ही बता दी जाएगी. यदि वे कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो पाते हैं तो ऐप के माध्यम से गवाही पूरी कर सकेंगे.
पुलिसकर्मियों की गवाही भी ऑनलाइन
पुलिसकर्मियों की सहूलियत को देखते हुए 2007 में एक पोर्टल विकसित किया गया था, जिसे अब फिर से सक्रिय किया जा रहा है. जिन पुलिसकर्मियों की तैनाती कोर्ट से दूर है, उनकी गवाही भी इसी पोर्टल से दर्ज की जाएगी. इस व्यवस्था से गवाही की बाधाएं खत्म होंगी और केस का निपटारा समय पर हो सकेगा.
लंबित मामलों के निपटारे में तेजी
अधिकारियों का मानना है कि गवाही ऑनलाइन होने से न सिर्फ केसों की सुनवाई समय पर पूरी होगी बल्कि दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया भी तेज होगी. इससे लंबित मामलों के बोझ को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी.
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