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पुणे के कारोबारी की हत्या के पहले चार राज्यों के छह व्यवसायियों से वसूले थे एक करोड़ रुपये, 11 गिरफ्तार

बिहार के बाहर के कारोबारियों को स्क्रैप कम कीमत पर देने का झांसा देकर बंधक बनाने और जबरन यूपीआइ खाते से पैसे की निकासी करने वाला एक पूरा गिरोह सक्रिय है.

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– कारोबारी को कम कीमत पर स्क्रैप देने का दिया झांसा और 90 हजार यूपीआइ से निकासी कर मार डाला

संवाददाता, पटना

बिहार के बाहर के कारोबारियों को स्क्रैप कम कीमत पर देने का झांसा देकर बंधक बनाने और जबरन यूपीआइ खाते से पैसे की निकासी करने वाला एक पूरा गिरोह सक्रिय है. इस गिरोह ने पुणे के स्क्रैप कारोबारी लक्षमण साधु शिंदे की हत्या के पूर्व इस साल तीन माह (जनवरी, फरवरी व मार्च) में चार राज्यों (महाराष्ट्र के पुणे, राजस्थान के जयपुर, कर्नाटक के बेंगलुरु और गुजरात के राजकोट, अहमदाबाद व बड़ोदरा) के छह कारोबारियों से 80 लाख से एक करोड़ की वसूली की है. किसी से सात लाख, तो किसी से 20 लाख, तो किसी से 30 लाख रुपये वसूले. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब पटना पुलिस की टीम ने पुणे के स्क्रैप कारोबारी लक्षमण साधु शिंदे की हत्या के मामले में महिला सहित 11 बदमाशों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गयी हुंडई व स्कॉर्पियो गाड़ी, दो आइफोन, दो लैपटॉप, एक टैब, छह स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन बरामद किया है. पकड़े गये बदमाशों में नालंदा जिले के मानुपुर के पलटपुरा का रंजीत पटेल उर्फ मुन्ना उर्फ शिवराज सागी, नूरसराय के मेयार का विकास कुमार उर्फ मोहित, हिलसा के नवडीहा का लाल बिहारी, बेन के सौरे की संगीता कुमारी व चोरो के खरूआरा का कुंदन कुमार, वैशाली जिले के रानापर के सचिन रंजन व कुणाल उर्फ कुंदन उर्फ करण कुमार शामिल हैं. इन सातों के अलावा चार अन्य बदमाशों को भी गिरफ्तार किया गया है. मंगलवार को सात को जेल भेज दिया गया, जबकि विपत्र, सुमित कुमार समेत चार अन्य को बुधवार को जेल भेजा जायेगा. विपत्र वैशाली के जंदाहा का रहने वाला है और हुंडई एसेंट कार इसी नाम पर है, जबकि रंजीत पटेल गिरोह का सरगना है. यह गुजरात के राजकोट में 2016-17 में स्क्रैप का कारोबार कर चुका है. इसके कारण इसके पास कई स्क्रैप कारोबारी के इमेल आइडी व फोन नंबर थे. मोहित और विपत्र मामा-भांजा हैं.

एमपिन नहीं दिया तो मारपीट कर दी हत्या, कर ली थी 90 हजार की निकासी

रंजीत व सुमित ने झारखंड कोल इंडिया के नाम पर इमेल आइडी बना रखा था. रंजीत पटेल अपने को कोल इंडिया का अधिकारी शिवराज सागी बताता था. कोल इंडिया का इमेल समझ कर कारोबारी झांसे में आ जाते थे. दोनों ने पुणे के कारोबारी शिंदे को भी इमेल से कम कीमत पर स्क्रैप देने का झांसा दिया. 11 अप्रैल को पटना एयरपोर्ट पर आते ही उन्हें अपने साथ लेकर ये सब हिलसा ले गये और उनके यूपीआइ खाते से 90 हजार रुपये की निकासी कर ली. उनके खाते में 12 लाख रुपये थे. ऑनलाइन बैंकिंग एप से भी पैसा निकालने के लिए बदमाशों ने एमपिन मांगा. लेकिन, कारोबारी ने नहीं दिया या भूल गये, तो पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी और शव को जहानाबाद के मननपुर इलाके में फेंक दिया. पुलिस ने शव को 12 अप्रैल को बरामद किया. पुणे के कारोबारी ने भी अपनी पत्नी को शिवराज सागी का नाम बताया था.

हुंडई एसेंट कार के नंबर से पुलिस को मिली सफलता

पटना पुलिस के जब सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाला, तो उस हुंडई कार का नंबर सामने आ गया, जिससे पुणे के कारोबारी को हिलसा ले जाया गया था. इसके बाद कार के नंबर से पुलिस ने इसके मालिक वैशाली के जंदाहा के लक्ष्मणपुर निवासी विपत्र कुमार को पकड़ लिया. साथ ही उसकी निशानदेही पर रंजीत पटेल पकड़ा गया. इसके बाद पुलिस ने बदमाशों के नालंदा, नवादा, जहानाबाद आदि कई ठिकानों पर छापेमारी की और एक-एक कर महिला सहित 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. अन्य बदमाशों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.

पीड़ित छह व्यवसायियों को भी बुलाया गया

एसएसपी अवकाश कुमार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पूरे गिरोह में 20 से अधिक बदमाश शामिल हैं. सबका अलग-अलग काम बंटा हुआ था. ये इमेल से कम कीमत पर स्क्रैप को देने का झांसा कर कारोबारी को पटना बुलाते हैं. इसके बाद पटना एयरपोर्ट से अगवा कर उसे हिलसा ले जाते हैं और फिर जबरन यूपीआइ व बैंक खातों से पैसा निकालने के बाद पटना एयरपोर्ट लाकर छोड़ देते थे. पुणे के कारोबारी की हत्या के पूर्व में भी इस गिरोह ने छह व्यवसायियों को कम कीमत पर स्क्रैप देने का झांसा देकर पटना बुलाया और हिलसा ले जाकर युपीआइ खाते से 7 से 40 लाख तक की निकासी कर ली. उन्होंने बताया कि कुछ कारोबारियों ने घटना के बाद केस भी दर्ज नहीं कराया है. उन सभी कारोबारियों को केस करने के लिए कहा गया है और उन तमाम मामलों में गिरफ्तारी सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जायेगी. एसएसपी ने बताया कि इनकी संपत्ति की भी जांच की जा रही है. जल्द ही इस मामले में आरोप पत्र दाखिल कर स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलायी जायेगी.

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