पटना. राजधानी के साथ-साथ प्रदेश के सभी अस्पतालों में मरीज के रजिस्ट्रेशन के समय उसका आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या) आइडी नंबर दर्ज करना होगा. भर्ती मरीजों के रिकॉर्ड व उनकी जांच रिपोर्टों पर इसकी यूनिट की फैकल्टी और रेजिडेंट को हस्ताक्षर करने होंगे. ऐसा न करने वाले मेडिकल कॉलेजों और डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने सभी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों द्वारा मरीजों की आभा आइडी दर्ज न किये जाने पर कड़ी नाराजगी जतायी है. दरअसल, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत सभी मरीजों को इलाज से जुड़ी जानकारियां संभालने से राहत दी गयी है. इसी क्रम में हर मरीज का आभा आइडी तैयार किया गया है. वहीं जब टीम मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में निरीक्षण करने आयेगी, तो इस नियम निर्देश के तहत भी जांच की जायेगी. मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के साथ-साथ जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से मरीजों को उनकी जांच रिपोर्ट डिजिटल माध्यम एसएमएस अथवा वाट्सएप के माध्यम से मिलेगी. मरीजों को पुराने पर्चों और जांच रिपोर्टों को साथ लेकर बार-बार अस्पताल आने की जरूर नहीं होगी.
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