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बिना पैन के 30 लाख से अधिक की जमीन खरीद-बिक्री पर आयकर विभाग सख्त

आयकर विभाग को ऐसे जमीन खरीदारों की तलाश है जिन्होंने बिना पैन दिये 30 लाख या उससे अधिक की कीमत वाली जमीन की खरीदारी की है.

निबंधन कार्यालयों को भेजा गया नोटिस पटना, संवाददाता आयकर विभाग को ऐसे जमीन खरीदारों की तलाश है जिन्होंने बिना पैन दिये 30 लाख या उससे अधिक की कीमत वाली जमीन की खरीदारी की है.नियमानुसार निबंधन कार्यालय को 30 लाख या उससे अधिक की कीमत वाली जमीन खरीद की जानकारी समय-समय पर आयकर विभाग को देनी होती है, लेकिन राज्य के अधिकतर निबंधन कार्यालयों ने इसकी जानकारी आयकर विभाग के साझा नहीं किया है. ऐसे जिला निबंधन कार्यालय भी आयकर विभाग की रडार पर हैं जहां से आयकर को कोई जानकारी नहीं दी गयी है.ऐसे निबंधन कार्यालयों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है. वहीं,विभाग अब इस संबंध में जानकारी एकत्र कर रहा है. साथ ही निबंधन कार्यालयों में सर्वेक्षण भी शुरू कर दिया है, जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिल रही है.नोटिस देकर खरीदारों को आय स्रोत की जानकारी देने के लिए बुलाया जायेगा. निबंधन कार्यालयों पर हो सकती है कार्रवाई आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि बिना पैन के 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य की जमीन खरीदने वालों से निबंधन कार्यालयों को फर्म-60 लेना होता है और इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी पड़ती है,लेकिन बिहार में अधिकतर कार्यालयों ने नियमानुसार आयकर विभाग को जानकारी नहीं दी है.कुछ सूचनाएं दी गयीं, तो वे उसमें पैन संख्या गलत है या कई तरह की जानकारी सही नहीं होती है. इस कारण से इन लोगों को खोज पाना संभव नहीं हो पा रहा है.आयकर विभाग ने इसको लेकर पहले पटना और अब गया कार्यालयों में सर्वेक्षण किया है. सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग को इस कार्यालयों में गड़बड़ियां मिली हैं. अभी पूरे मामले की जांच चल रही है. इसके बाद आयकर महकमा आगे की कार्रवाई करेगा. गया में आयकर विभाग ने निबंधन कार्यालय का किया सर्वे आयकर विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पहले पटना में सर्वे कर चुका है.वहीं, मंगलवार को गया के निबंधन कार्यालयों में सर्वेक्षण किया है.पटना कार्यालय में आपराधिक अन्वेषण इकाई द्वारा कई घंटों तक दस्तावेज खंगाले थे.इस दौरान 2021-22 से 2023-24 के बीच की रजिस्ट्री की गयी उन जमीनों के रिकॉर्ड खंगाले गये, जिनकी कीमत 30 लाख रुपये या उससे अधिक थी.गया कार्यालय में हुए सर्वेक्षण में भी हजारों ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनमें खरीदी गयी जमीनों का मूल्य 30 लाख से अधिक था, लेकिन उनसे संबंधित पैन और फॉर्म-60 का रिकॉर्ड या तो गायब था या अधूरा.इन सभी दस्तावेजों को विभाग अपने साथ ले गया है और विस्तृत जांच की तैयारी में है.

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