New Road In Bihar: बिहार के ग्रामीण सड़कों की सूरत बदलने वाली है. गांव में सड़कों का निर्माण नए सिरे से किया जाएगा. इस तरह से बिहार के ग्रामीण इलाकों में भी विकास की रफ्तार तेज होने वाली है. मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत सड़कों का निर्माण किया जाएगा. इस योजना के तहत छपरा-2 कार्य प्रमंडल में बड़े पैमाने पर कार्यों की मंजूरी मिली है.
114 पथों की मिली स्वीकृति
माना जा रहा है कि, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत अब तक का सबसे बड़ा बजट आवंटित किया गया है. इस योजना के फेज-1 के तहत 114 पथों की स्वीकृति मिली है, जिसकी लंबाई 211.603 किलोमीटर होगी. लागत की बात करें तो 190.91 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. योजना का उद्देश्य है कि हर गांव को मुख्य सड़क, प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय से जोड़ा जाए ताकि आने-जाने में किसी तरह की परेशानी ना हो.
231 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण
इसके अलावा ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के फेज-2 में 49 पथों की स्वीकृति मिली. इसकी लंबाई लगभग 56.100 किलोमीटर होगी और निर्माण कार्य में लागत करीब 40.89 करोड़ रुपये बताई जा रही. इससे गांव में रहने वाली बड़ी संख्या को फायदा पहुंचेगा. ग्रामीण युवाएं रोजगार और व्यापारिक गतिविधियों के लिए सीधा शहर से जुड़ सकेंगे. लगभग 231 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण होगा, जिसकी लागत 231 करोड़ रुपये बताई जा रही.
सारण डीएम को सौंपी रिपोर्ट
जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल छपरा-2 ने पिछले डेढ़ सालों में गांवों से जुड़ी कई परियोजनाओं को पूरा किया. 1 अप्रैल 2024 से 31 जुलाई 2025 तक हुए काम की रिपोर्ट को कार्यपालक अभियंता द्वारा जिला पदाधिकारी सारण को भेजी गई. इस रिपोर्ट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना, अनुरक्षण नीति, सेतु निर्माण योजना और ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत करोड़ों की लागत से अब तक सड़क और पुलों का निर्माण किया जा चुका है जबकि अन्य काम जारी है.
गांव में रहने वालों को बड़ा फायदा
बिहार के ग्रामीण सड़कों के निर्माण से वहां की अर्थव्यवस्था ठीक हो सकेगी. किसान अपनी उपज को आसानी से बाजार तक पहुंचा पायेंगे. बरसात के दिनों में लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी. बच्चे आसानी से स्कूल जा पायेंगे और मरीजों को हॉस्पिटल तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी.

