संवाददाता, पटना
प्राकृतिक संसाधन का दोहन जितना 500 सालों में नहीं हुआ, उतना आगामी 50 वर्षों में होगा: गोविंदाचार्य
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय चिंतक केएन गोविंदाचार्य ने कहा कि पांच हजार वर्षों में जितना प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं हुआ, उतना बीते 500 वर्षों में नहीं हुआ था. जितना बीते पांच सौ वर्षों में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन नहीं हुआ, उतना आगामी 50 वर्षों में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होगा. कहा कि यह सजग हो जाने का समय है. अगर अभी सजग नहीं हुए तो, इसका परिणाम आने वाले समय में अच्छा नहीं होगा. हमारी आने वाली पीढ़ियों को इसका सबसे अधिक नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि प्रकृति और व्यक्ति में गहरा संबंध है. प्रकृति से हमारा जन्म हुआ है. प्राकृतिक संसाधनों का समुचित तरीके से उपयोग करना होगा. उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को यह बताना होगा कि प्राकृतिक संसाधन उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि विकास की दिशा तय करनी होगी. विकास की दिशा में प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ करने से परहेज करना होगा. कार्यक्रम में मौजूद बच्चों को संकल्प दिलाया कि वे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करेंगे. पर्यावरण कोप्रकृति संरक्षण से संबंधित गीत की हुई प्रस्तुति
इस दौरान प्रकृति संरक्षण को लेकर स्कूली बच्चों की ओर से गीत प्रस्तुत किये गये. कार्यक्रम को एचसी वर्मा, चेतन सिंह सोलंकी, डॉ आरके सिन्हा, पूर्व एमएलसी किरण घई, विवेक जैन, आइआरएस डॉ सत्यपाल सिंह मीणा, अजीत तिवारी आदि ने संबोधित किया. कार्यक्रम में काफी संख्या में विभिन्न स्कूलों के बच्चे और शिक्षक मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है