पटना सिटी
..सकल जगत में खालसा विराजे,. वाहि गुरु का खालसा जैसे शबद व धार्मिक नारों के बीच शनिवार को खालसा सृजना दिवस को लेकर गुरु के बाग स्थित गुरुद्वारा से नगर कीर्तन निकाला गया. पंज प्यारे और झूलते निशान साहिब के साथ निकला नगर कीर्तन अशोक राजपथ के मुख्य मार्ग होते हुए तख्त श्री हरमंदिर साहिब पहुंचा. आकर्षक बैंड-बाजों से सजे नगर कीर्तन में स्कूली बच्चों के मार्च पास्ट और शबद कीर्तन करते महिलाओं और पुरुषों की टोलियों से माहौल भक्ति मय बन गया था. नगर कीर्तन के बीच में फूलों से सजे रथ पर गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी चल रही थी. जबकि सवारी के आगे टैंकर से श्रद्धालु संगत सड़क पर पानी छिड़काव करते व झाड़ू लगा रहे थे.सजा कीर्तन दरबार
नगर कीर्तन के तख्त साहिब पहुंचने के बाद विशेष दीवान का आयोजन किया गया. इसमें रहिरास साहिब का पाठ, आरती, अरदास व हुकूमनामा के साथ सोदर कीर्तन भाई हरभजन सिंह ने और कथा ज्ञानी सुखदेव सिंह ने की. दूसरी ओर खालसा सृजना दिवस को लेकर तख्त श्री हरमंदिर जी में शनिवार को भी अखंड पाठ बना रहा.
रविवार को अखंड पाठ की समाप्ति के साथ सृजना दिवस का मुख्य समारोह तख्त साहिब में होगा. बाललीला गुरुद्वारा में भी खालसा सृजना अखंड पाठ बाबा गुरविंदर सिंह की देखरेख में चला. संत बाबा ने बताया कि रविवार को अखंड पाठ की समाप्ति व अरदास के बाद अटूट लंगर चलेगा.गुरु के बाग स्थित गुरुद्वारा से नगर कीर्तन से पहले विशेष दीवान दो दिनों से चल रहे गुरु ग्रंथ साहिब की अखंड पाठ की समाप्ति के बाद सजा. विशेष दीवान में भजन कीर्तन और कथा प्रवचन हुई. कथा वाचक ज्ञानी दलजीत सिंह ने कथा कर खालसा की स्थापना के उद्देश्य को रखा. इसके बाद जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह के अरदास व हुकूमनामा के साथ विशेष दीवान की समाप्ति हुई. फिर गुरु का अटूट लंगर चला.
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