संवाददाता, पटना राजधानी पटना में बन रहे जेपी गंगा सेतु के समानांतर नये सिक्सलेन पुल और फोरलेन महात्मा गांधी सेतु के रखरखाव का निरीक्षण अलग-अलग अथॉरिटी इंजीनियर करेंगे. ऐसे में कंसल्टेंसी सर्विसेस के माध्यम से अथॉरिटी इंजीनियर की बहाली की प्रक्रिया केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शुरू कर दी है. टेंडर के माध्यम से नये साल की शुरुआत में अथॉरिटी इंजीनियर का चयन होगा. इसका मकसद तय समय पर बेहतर तरीके से पुलों का निर्माण और रखरखाव करना है. सूत्रों के अनुसार जेपी गंगा सेतु के समानांतर नये एक्स्ट्रा डोज सिक्सलेन केबल पुल का निर्माण वर्तमान जेपी सेतु से करीब 180 मीटर पश्चिम में करीब 4.56 किमी लंबाई में हो रहा है. इसकी अनुमानित लागत 3,064.45 करोड़ रुपये है. इसे 2028 तक बनकर तैयार होने की संभावना है. मंत्रालय का मकसद है कि इस पुल का निर्माण अनुभवी अथॉरिटी इंजीनियर की देखरेख में हो. फिलहाल पटना की तरफ से निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. महात्मा गांधी सेतु के समानांतर नया फोरलेन पुल 2027 तक बन कर हो जायेगा तैयार महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बन रहे नये फोरलेन पुल के सुपर स्ट्रक्चर का काम करीब 80 फीसदी और फ्लाइओवर निर्माण में सब स्ट्रेक्चर का काम करीब 90 फीसदी तक पूरा हो चुका है. ऐसे में इस पुल का निर्माण तय समय पर पूरा होने की संभावना है. यह पुल करीब 14.5 किमी लंबाई में करीब 1794 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. इस पुल के दोनों तरफ आठ लेन का एप्रोच रोड बनाया जा रहा है, जिससे लोगों को जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस समानांतर फोरलेन पुल का काम मार्च 2027 तक पूरा होने की संभावना है. भविष्य में इस पुल को जेपी गंगा पथ से भी जोड़ने की संभावना है. इस पुल के बनने से वैशाली, छपरा और पटना आवागमन लोगों को सीधी सुविधा मिल सकेगी.
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